स्कूल बसों पर शिकंजा: 1 से 15 जुलाई तक चलेगा विशेष चेकिंग अभियान

बिना फिटनेस व दस्तावेज़ के चलने वाली स्कूल बसों पर 1 से 15 जुलाई तक होगी सख्त कार्रवाई

स्कूल बसों पर शिकंजा: 1 से 15 जुलाई तक चलेगा विशेष चेकिंग अभियान
स्कूल बसों पर शिकंजा: 1 से 15 जुलाई तक चलेगा विशेष चेकिंग अभियान

अम्बेडकरनगर। जिले में स्कूली बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए परिवहन विभाग ने 1 जुलाई से 15 जुलाई 2025 तक स्कूल बसों के लिए विशेष चेकिंग अभियान की घोषणा की है। इस अभियान का उद्देश्य सड़क सुरक्षा मानकों और वाहन फिटनेस नियमों का सख्ती से पालन कराना है। उत्तर प्रदेश परिवहन आयुक्त के निर्देश पर यह अभियान पूरे राज्य के साथ अम्बेडकरनगर में भी प्रभावी ढंग से संचालित किया जाएगा।

सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) ने जानकारी देते हुए बताया कि जनपद में संचालित स्कूल वाहनों को पहले ही दस्तावेज़ अद्यतन कराने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके बावजूद कई वाहन बिना फिटनेस, बीमा या प्रदूषण प्रमाणपत्र के स्कूलों में बच्चों के परिवहन में लगे हुए हैं, जो बच्चों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं।

अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इस विशेष अभियान के दौरान यदि कोई स्कूल वाहन बिना आवश्यक वैध दस्तावेजों के पाया गया तो उसके विरुद्ध तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसमें वाहन सीज़ करने से लेकर, चालान और संचालन पर प्रतिबंध तक की कार्रवाई शामिल हो सकती है।

प्रमुख जांच बिंदु होंगे:

वाहन की फिटनेस वैध है या नहीं

बीमा की वैधता

प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC)

चालक का लाइसेंस एवं वर्दी

अग्निशमन यंत्र और आपातकालीन निकास की उपलब्धता

वाहन पर स्कूल का नाम, संपर्क नंबर और निर्धारित रंग

परिवहन विभाग ने इस विषय में अभिभावकों से भी सतर्कता बरतने की अपील की है। विभाग ने कहा है कि अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से पूर्व वाहन की वैधता की जांच मोबाइल एप या विभागीय वेबसाइट के माध्यम से अवश्य करें। इससे बच्चों की सुरक्षा को लेकर जागरूकता भी बढ़ेगी और अनियमित वाहनों के खिलाफ कार्रवाई को समर्थन मिलेगा।

वहीं, स्कूल प्रबंधन को भी इस अभियान में सहयोग देने की अपील की गई है। विभाग का कहना है कि नियमों का पालन न करने से स्कूल की छवि भी प्रभावित हो सकती है और विद्यार्थियों की सुरक्षा से सीधा समझौता होगा।

यह अभियान केवल जांच की प्रक्रिया नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को बच्चों की सुरक्षा के लिए एकजुट होने का अवसर भी है। परिवहन विभाग का यह कदम बच्चों को एक सुरक्षित परिवहन प्रणाली देने की दिशा में एक अहम प्रयास माना जा रहा है।