गायत्री जयंती और गंगा दशहरा पर बेंगलुरु में भक्ति, संस्कार और चेतना का संगम
बेंगलुरु में गायत्री जयंती और गंगा दशहरा पर यज्ञ, जप और संस्कारों का भव्य आयोजन संपन्न हुआ।

बेंगलुरु । गायत्री चेतना केंद्र बेंगलुरु में गायत्री जयंती व गंगा दशहरा के पावन अवसर पर भक्ति और संस्कारों का अनुपम संगम देखने को मिला। गायत्री परिवार के सैकड़ों साधकों ने 12 घंटे तक अखंड गायत्री मंत्र जाप कर दिव्य ऊर्जा का संचयन किया। इस दौरान आयोजित गायत्री महायज्ञ में श्रद्धालुओं ने श्रद्धाभाव से आहुतियाँ अर्पित कीं।
कार्यक्रम के अंतर्गत युग ऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य की पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धा-सुमन समर्पित किए गए। यज्ञ संचालन रीता रजक, अर्पिता कटरे, गायत्री गोयल, मधु गुप्ता और आर्या द्वारा किया गया।
प्रीतम, अंकित अभिषेक, वैभव झरबड़े, शिवांगी झरबड़े एवं एनकेपी सिंह जी द्वारा अन्नप्राशन, नामकरण, विद्यारंभ, पुंसवन, यज्ञोपवीत, दीक्षा, जन्मदिन व विवाह संस्कार जैसे विविध वैदिक संस्कार भी सम्पन्न कराए गए।
मुख्य वक्ता प्रीतम जेना ने शांतिकुंज से आए ज्योति कलश के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि अखंड दीप स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर गायत्री परिवार वैश्विक स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। साथ ही वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा की जन्मशती वर्ष को भी व्यापक रूप से मनाया जा रहा है।
मधु गुप्ता ने गौ, गंगा, गीता, गायत्री और गुरु को भारतीय संस्कृति के पांच स्तंभ बताते हुए इनके संरक्षण और अनुसरण पर बल दिया। कार्यक्रम के अंत में गायत्री परिवार के संस्थापक के जीवन दर्शन पर प्रकाश डालते हुए सभी को "संपूर्ण मानवता के कल्याण" हेतु प्रेरित किया गया।
कार्यक्रम समापन अभिमंत्रित जल से सिंचन और शांति पाठ के साथ हुआ। उपस्थितजनों को प्रसाद वितरित किया गया। कार्यक्रम में कर्नाटक राज्य समन्वयक शेखर चतुर्वेदी विशेष रूप से उपस्थित रहे।