मथुरा में मिला मिलावटी पनीर का अड्डा, खतरनाक रसायनों से बन रहा था रोज़ाना सैकड़ों किलो पनीर
मथुरा की अवैध फैक्ट्री में खतरनाक रसायनों से बन रहा था पनीर, खाद्य विभाग ने की बड़ी कार्रवाई

इस छापेमारी का नेतृत्व सहायक आयुक्त खाद्य धीरेन्द्र प्रताप सिंह व मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी ज्ञानपाल सिंह ने किया। उनकी टीम ने पुलिस की मौजूदगी में फैक्ट्री पर कार्रवाई करते हुए 1100 किलो तैयार नकली पनीर, 3800 लीटर रिकॉम्बाइंड मिल्क, और 60 किलो मिश्रित दूध जब्त किया। इसके साथ ही वहां भारी मात्रा में मिलावटी सामग्री का भंडार भी मिला, जिसमें शामिल था - 13 टिन रिफाइंड पामोलीन ऑयल, 13 टिन सोयाबीन पाउडर, 7 किलो चूने का घोल, 40 किलो मिश्रण वाला घोल, 30 लीटर एसिटिक एसिड और 25 लीटर हाइड्रोजन परऑक्साइड।
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने फैक्ट्री से छह नमूने भी एकत्र किए, जिनमें दो पनीर, एक रिफाइंड ऑयल, दो चूने का घोल और एक पनीर निर्माण में उपयोग हो रहे मिश्रण का नमूना शामिल है। सभी नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, ये पदार्थ मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत घातक हो सकते हैं और लंबे समय तक इनके सेवन से शरीर में गंभीर बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि इस फैक्ट्री के पास किसी भी तरह का वैध लाइसेंस नहीं था। बिना किसी निगरानी और गुणवत्ता मानकों के ये खाद्य पदार्थ स्थानीय बाजारों में बेचे जा रहे थे, जिससे आम जनता की सेहत पर गंभीर खतरा मंडरा रहा था।
फैक्ट्री के संचालक की तलाश की जा रही है और उसके खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत कड़ी कार्रवाई की तैयारी है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, इस प्रकार की अवैध फैक्ट्रियों के खिलाफ अभियान आगे भी जारी रहेगा।
मथुरा जिले में इस घटना ने न केवल खाद्य सुरक्षा की पोल खोली है बल्कि लोगों को सचेत भी किया है कि वे दूध और पनीर जैसी रोजमर्रा की चीज़ों को खरीदते समय सतर्कता बरतें और ब्रांडेड, प्रमाणित स्रोतों से ही खरीददारी करें।