विवेक ओबेरॉय ने रचा खलनायकी का नया अध्याय 'केसरी वीर' में ज़फ़र ख़ान बनकर
केसरी वीर में विवेक ओबेरॉय का ज़फ़र ख़ान किरदार दर्शकों को डराता ही नहीं, बल्कि गहराई से बांध भी लेता है

विवेक ओबेरॉय एक बार फिर नकारात्मक भूमिका में लौटे हैं, लेकिन इस बार पहले से कहीं ज़्यादा खतरनाक और रहस्यमयी अवतार में। ‘केसरी वीर’ में वह निभा रहे हैं तुगलक सल्तनत के निर्दयी सेनापति ज़फ़र ख़ान का किरदार — एक ऐसा शख्स जिसे नफ़रत करना तो आसान है, लेकिन नजरें हटाना बेहद मुश्किल।
इस ऐतिहासिक एक्शन-ड्रामा में ज़फ़र ख़ान का किरदार सिर्फ एक खलनायक नहीं, बल्कि एक जटिल और रणनीतिक व्यक्तित्व है जो हमीरजी गोहिल के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आता है। निर्देशक प्रिंस धीमान और निर्माता कानू चौहान ने इस फिल्म के माध्यम से भारतीय इतिहास के एक संघर्षपूर्ण अध्याय को बड़े परदे पर जीवंत किया है, जिसमें ज़फ़र ख़ान जैसे किरदार फिल्म की आत्मा बनकर उभरते हैं।
विवेक का अभिनय: क्रूरता में कला की झलक
विवेक ओबेरॉय ने अपने अभिनय कौशल से ज़फ़र ख़ान को सिर्फ एक विलेन नहीं बल्कि एक जिंदा खौफ में तब्दील कर दिया है। उनकी तीखी निगाहें, ठंडी मुस्कान और हर चाल के पीछे छिपी योजना इस किरदार को अलग बनाती है। ज़फ़र ख़ान का हर संवाद, हर युद्ध सीन और हर रणनीति एक खास असर छोड़ती है, जिसे भुला पाना दर्शकों के लिए आसान नहीं होगा।
ऐतिहासिक यथार्थ और सिनेमाई अनुभव का मेल
फिल्म के सेट्स, कॉस्ट्यूम्स और युद्ध दृश्य फिल्म को एक भव्य ऐतिहासिक अनुभव में बदल देते हैं। ज़फ़र ख़ान और हमीरजी गोहिल के बीच की भिड़ंत सिर्फ तलवारों की नहीं, विचारों और आदर्शों की भी है। विवेक ने इस टकराव को अपने अभिनय से और भी गहराई दी है।
विवेक की नकारात्मक भूमिकाओं का सफर
विवेक पहले भी कृष 3 में काल, शूटआउट एट लोकंडवाला में माया डोलस, और ओमकारा में केसु जैसे ग्रे किरदार निभा चुके हैं। मगर 'केसरी वीर' का ज़फ़र ख़ान उन सबसे अलग है — यह किरदार ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक गहराई लिए हुए है।
स्टार कास्ट और वैश्विक रिलीज़
इस फिल्म में सुनील शेट्टी, सूरज पंचोली और आकांक्षा शर्मा जैसे सितारे मुख्य भूमिकाओं में हैं। पैनोरमा स्टूडियोज द्वारा वैश्विक स्तर पर रिलीज़ की गई यह फिल्म अब हिंदी के अलावा तमिल, तेलुगु और कन्नड़ में भी उपलब्ध है।