SBI लखनऊ मंडल ने 70वां स्थापना दिवस सीएसआर पहल के साथ मनाया
एसबीआई लखनऊ मंडल ने 70वें स्थापना दिवस पर मातृछाया आश्रम को सीएसआर के तहत सहायता प्रदान की

लखनऊ। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) लखनऊ मंडल ने अपने 70वें स्थापना दिवस को केवल एक औपचारिकता तक सीमित न रखते हुए समाजसेवा के एक प्रेरणादायक कार्य के रूप में रूपांतरित कर दिया। इस विशेष अवसर पर बैंक ने अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के अंतर्गत मातृछाया आश्रम, लखनऊ को सहायता प्रदान कर एक सशक्त मानवीय संदेश दिया।
मुख्य महाप्रबंधक श्री दीपक कुमार दे की अगुवाई में बैंक ने उम्मीद संस्थान को ₹5 लाख रुपये की धनराशि का चेक सौंपा। इसके साथ ही आश्रम में रहने वाली महिलाओं के लिए खाद्यान्न, कपड़े और अन्य आवश्यक वस्तुएं भी भेंट की गईं। मातृछाया आश्रम, जो कि मानसिक रूप से विकलांग और बेघर महिलाओं के लिए आश्रय स्थल है, इस मदद से अपने सेवाकार्य को और मजबूती से आगे बढ़ा सकेगा।
इस कार्यक्रम में लखनऊ मंडल के महाप्रबंधकगण, उप महाप्रबंधकगण और अन्य स्टाफ सदस्यों की उपस्थिति ने इस सामाजिक पहल को और भी गरिमा प्रदान की। श्री दीपक कुमार दे ने इस अवसर पर कहा, “भारतीय स्टेट बैंक केवल एक बैंक नहीं, बल्कि देश की प्रगति और समाज की सेवा में समर्पित एक संस्था है। हमारा यह प्रयास उन जरूरतमंदों तक पहुँचने की कोशिश है, जिन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने की आवश्यकता है।”
उम्मीद संस्थान के सदस्य श्री हरप्रीत सिंह ने एसबीआई के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योगदान आश्रम में रह रही महिलाओं के लिए एक नई आशा लेकर आया है। उन्होंने कहा, “बैंक जैसे प्रतिष्ठित संस्थान द्वारा दिया गया यह सहयोग हमें न केवल संसाधन देता है, बल्कि हमारे कार्य के प्रति विश्वास भी बढ़ाता है।”
इस सामाजिक सेवा के जरिए एसबीआई ने यह सिद्ध किया है कि एक वित्तीय संस्था भी संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ सामाजिक सरोकार निभा सकती है। 70 वर्षों की इस यात्रा में बैंक ने अपने व्यवसायिक लक्ष्यों के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभाया है।
स्थापना दिवस के इस अवसर ने सभी बैंककर्मियों को यह याद दिलाया कि वे एक ऐसे संगठन का हिस्सा हैं, जो समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। यह पहल लखनऊ और अन्य स्थानों पर भी प्रेरणा का स्रोत बन सकती है, जहाँ बड़े संस्थान अपने सामाजिक उत्तरदायित्व को इसी तरह गंभीरता से लें।