जिलाधिकारी ने उठाई सवालों की गाड़ी: कानपुर की 6 करोड़ खर्ची परियोजना अधूरी
कानपुर में 6 करोड़ खर्च होने के बाद भी अधूरी पड़ी वाहन निरीक्षण परियोजना पर डीएम ने जताई सख्त नाराजगी

कानपुर। कानपुर शहर में वर्ष 2018 से लंबित परिवहन विभाग की ‘निरीक्षण एवं प्रमाणन केंद्र’ परियोजना की वास्तविक स्थिति गुरुवार को तब सामने आई, जब जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने स्थल का औचक निरीक्षण किया। इस परियोजना के लिए स्वीकृत ₹8.39 करोड़ में से अब तक ₹6 करोड़ खर्च हो चुके हैं, लेकिन काम अभी भी अधूरा है।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी को जानकारी दी गई कि परियोजना में अनावश्यक रूप से एक ट्रेनिंग सेंटर जोड़ने का प्रस्ताव बीच में लाया गया था, जिससे न केवल खर्च बढ़ा, बल्कि देरी भी हुई। बाद में उस प्रस्ताव को हटाना पड़ा। परियोजना की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) उत्तर प्रदेश एनएसएस—जो अब यूपीएआरएनएसएस के नाम से जानी जाती है—द्वारा तैयार की गई थी, लेकिन विभागीय समन्वय की कमी के चलते उसमें गंभीर तकनीकी त्रुटियां रह गईं।
स्थिति यह बन गई है कि डीपीआर तैयार करने वाली संस्था अब अन्य विभागों से तकनीकी जानकारी मांग रही है, जबकि यह कार्य उसी की मूल जिम्मेदारी में आता है।
जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने परियोजना में हुई अनावश्यक देरी और लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभाग और कार्यदायी संस्था पर नाराजगी जताई। उन्होंने परिवहन विभाग को निर्देशित किया कि संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए और उनके विरुद्ध कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी जाए।
उन्होंने कहा कि परियोजना से जुड़ी शेष निर्माण कार्यों की स्पष्ट समय-सीमा तय कर उसे तत्काल पूरा कराया जाए। जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्था को भी चेतावनी दी कि और विलंब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
फिलहाल वाहनों के निरीक्षण और प्रमाणन का कार्य पनकी क्षेत्र में अस्थायी रूप से किया जा रहा है, जो न तो पर्याप्त है और न ही दीर्घकालिक समाधान। जिलाधिकारी ने प्रमुख सचिव परिवहन सहित अन्य तकनीकी अधिकारियों से संपर्क स्थापित कर जल्द से जल्द अड़चनों के समाधान और परियोजना को शुरू करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कहा, “यह परियोजना न केवल यातायात व्यवस्था को पारदर्शी बनाएगी, बल्कि आम जनता को सुरक्षा मानकों के अनुरूप सेवा उपलब्ध कराएगी।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि परियोजना का शीघ्र पूरा होना कानपुर के लाखों वाहन चालकों के लिए राहतभरा कदम होगा।