यूपी पुलिस के पूर्व महानिदेशक विक्रम श्रीवास्तव को भावभीनी श्रद्धांजलि

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व महानिदेशक एवं भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के वरिष्ठ अधिकारी श्री विक्रम श्रीवास्तव के निधन पर पुलिस मुख्यालय, गोमतीनगर विस्तार स्थित सभागार में भावभीनी शोक सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज्य के पुलिस महानिदेशक श्री प्रशान्त कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों ने दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्री विक्रम श्रीवास्तव (आईपीएस बैच 1973) का जन्म 18 मार्च 1952 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (तत्कालीन इलाहाबाद) जनपद में हुआ था। उन्होंने वर्ष 1973 में भारतीय पुलिस सेवा में प्रवेश किया और अपने कार्यकाल में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान कीं। उन्होंने प्रशिक्षण उपरांत सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में कानपुर नगर से सेवा की शुरुआत की और उसके बाद वाराणसी में पीएसी की 36वीं वाहिनी के सेनानायक, रेलवे इलाहाबाद के पुलिस अधीक्षक, रामपुर और एटा के पुलिस अधीक्षक तथा सीबीसीआईडी मुख्यालय लखनऊ सहित कई महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया।
वर्ष 1985 में उन्हें केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त किया गया, जहाँ उन्होंने पुलिस उपमहानिरीक्षक और फिर पुलिस महानिरीक्षक के रूप में सेवाएं दीं। वर्ष 1997 में प्रतिनियुक्ति से लौटने के उपरांत वे लखनऊ जोन के पुलिस महानिरीक्षक और सुरक्षा लखनऊ के आईजी पद पर कार्यरत रहे। वर्ष 2001 में उन्हें अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) के पद पर प्रोन्नत किया गया और एडीजी सुरक्षा लखनऊ के रूप में कार्यभार संभाला। इसके उपरांत वे पुनः केंद्र सरकार के अधीन प्रतिनियुक्ति पर चले गए, जहाँ उन्होंने एसपीजी और एसएसबी जैसी शीर्ष संस्थाओं में कार्य किया।
उनकी नेतृत्व क्षमता और संगठनात्मक कुशलता को देखते हुए उन्हें तीन केंद्रीय अर्धसैनिक बलों — सीआरपीएफ, आईटीबीपी और बीपीआर एंड डी — का प्रमुख भी बनाया गया। उन्होंने अपनी अधिवर्षता आयु पूरी करते हुए 31 मार्च 2012 को सेवा से सेवानिवृत्त हुए। उनकी कुल सेवा अवधि 38 वर्षों से अधिक रही, जिसमें उन्होंने ईमानदारी, कर्तव्यपरायणता और समर्पण के साथ पुलिस विभाग को गौरवान्वित किया।
उनकी उत्कृष्ट सेवाओं को मान्यता स्वरूप गणतंत्र दिवस 1989 को उन्हें “दीर्घ एवं सराहनीय सेवाओं के लिये पुलिस पदक” और स्वतंत्रता दिवस 1995 को “विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक” प्रदान किया गया।
27 मार्च 2025 को उनके दुखद निधन की सूचना से सम्पूर्ण पुलिस विभाग में शोक की लहर दौड़ गई। पुलिस मुख्यालय में आयोजित इस शोक सभा में अधिकारियों ने उनकी स्मृतियों को साझा करते हुए उन्हें एक आदर्श अधिकारी और प्रेरणास्रोत बताया।
श्री विक्रम श्रीवास्तव अपनी सादगी, कर्मठता और अनुशासनप्रियता के लिए सदैव स्मरणीय रहेंगे। उनके द्वारा निभाई गई भूमिका, नेतृत्व शैली एवं प्रशासनिक सूझबूझ आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बनी रहेगी।
(आर.एल.पाण्डेय)