टेंट व्यापारी एसोसिएशन ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन, उठाईं कई अहम मांगें
टेंट व्यापारी एसोसिएशन ने जिलाधिकारी से आठ सूत्रीय मांगों के साथ ज्ञापन सौंपा, व्यवसाय की समस्याओं पर चर्चा हुई।

कानपुर : कानपुर टेंट व्यापारी एसोसिएशन ने प्रदेश नेतृत्व के निर्देशानुसार एक प्रतिनिधि मंडल के जरिए स्थानीय जिलाधिकारी को टेंट व्यवसायियों की समस्याओं से संबंधित आठ सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन का नेतृत्व मुख्य संरक्षक विजय कपूर और उत्तर प्रदेश युवा व्यापार मंडल के अध्यक्ष कपिल सब्बरवाल ने किया। इस मौके पर सरदार बलबीर सिंह (चेयरमैन), अमित साहनी (अध्यक्ष), महेश चंद्र गुप्ता (कोषाध्यक्ष), सुनील कुमार श्रीवास्तव (महामंत्री), और अनूप कुमार निगम (संयुक्त महामंत्री) जैसे प्रमुख सदस्यों ने जिलाधिकारी के समक्ष अपनी आवाज उठाई।
प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि टेंट व्यवसायियों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें खासतौर पर लाइसेंस, टैक्स, और सरकारी नीति के तहत आ रही बाधाएं शामिल हैं। व्यापारी समुदाय ने एकसाथ मिलकर अपनी मांगों को प्रमुखता से उठाया, ताकि उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके।
जिलाधिकारी ने व्यापारियों की समस्याओं को ध्यान से सुनने के बाद आश्वासन दिया कि वह इस ज्ञापन को प्रदेश और केंद्र सरकार के समक्ष उठाएंगे। उन्होंने कहा, "आपके द्वारा उठाए गए मुद्दों का संज्ञान लिया जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी।"
ज्ञापन सौंपने के कार्यक्रम में अन्य प्रमुख सदस्यों में मयंक वर्मा, विवेक निगम, अभिषेक यादव, अतुल निगम, अक्षत अरोड़ा, चंद्रभान दुबे, अनिल चतुर्वेदी, पंकज तोमर, प्रशांत दुबे, सुनील दिवाकर, अजय सैनी, आशीष कुशवाहा, राहुल सिंह, शराफत अली, शैलेंद्र सिंह, धीरेंद्र कश्यप, और राकेश कुशवाहा भी शामिल थे। इस प्रतिनिधि मंडल ने एकजुटता से अपने अधिकारों के लिए लड़ने का संकल्प लिया और प्रशासन से ठोस कदम उठाने का आग्रह किया।
एसोसिएशन के सदस्यों ने बताया कि टेंट व्यवसाय में आ रही समस्याओं का समाधान करने से न केवल उनके व्यवसाय को लाभ होगा, बल्कि इससे संगठित तरीके से व्यापार करने का अवसर भी मिलेगा। ज्ञापन में सुरक्षा, लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया, और व्यापारियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने जैसी मांगें शामिल थीं।
इस प्रकार के ज्ञापन और संवाद व्यापारियों और प्रशासन के बीच बेहतर संबंध स्थापित करने की दिशा में एक कदम है। व्यापारी समुदाय की एकजुटता से यह संदेश साफ है कि वे अपने अधिकारों के लिए खड़े रहने को तैयार हैं और शासन-प्रशासन से उम्मीद करते हैं कि उनके मामले को गंभीरता से लिया जाएगा।
आने वाले समय में यदि समस्याओं का समाधान नहीं निकाला जाता है, तो व्यापारियों ने जिला स्तर पर बड़े आंदोलन की योजना की भी चर्चा की। इस संदर्भ में प्रशासन की भूमिका महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि व्यापारियों के समुचित भविष्य के लिए ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
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