कानपुर के सीएसजेएम विश्वविद्यालय ने रक्षा क्षेत्र में नवाचार के लिए बढ़ाया कदम, त्रिपाठी एयरोटेक से किया करार
सीएसजेएम विश्वविद्यालय और त्रिपाठी एयरोटेक ने ड्रोन और एंटी-ड्रोन तकनीक पर संयुक्त शोध के लिए समझौता किया।

कानपुर : छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) ने "आत्मनिर्भर भारत" के मिशन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आज विश्वविद्यालय और त्रिपाठी एयरोटेक एंड वेपन सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में, विशेषकर ड्रोन और एंटी-ड्रोन सिस्टम की स्वदेशी तकनीक पर संयुक्त अनुसंधान को बढ़ावा देना है।
यह समझौता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के मार्गदर्शन में हुआ। त्रिपाठी एयरोटेक की ओर से प्रबंध निदेशक राजीव त्रिपाठी ने और विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति ने इस पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर कंपनी के निदेशक शांतनु त्रिपाठी भी मौजूद थे।
त्रिपाठी एयरोटेक कंपनी ड्रोन और एंटी-ड्रोन तकनीक के विकास में एक अग्रणी कंपनी है। इस समझौते के बाद, उनकी विशेषज्ञता का लाभ विश्वविद्यालय के अनुसंधान क्षमता को मिलेगा, जिससे नई और अत्याधुनिक तकनीकों का विकास संभव होगा।
इस साझेदारी से न केवल देश की रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए अत्याधुनिक प्रणालियों का विकास होगा, बल्कि छात्रों और शोधार्थियों को भी इस क्षेत्र में नवाचार और व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने का मौका मिलेगा। यह समझौता सीएसजेएम विश्वविद्यालय को रक्षा अनुसंधान के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाएगा और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में एक ठोस पहल साबित होगा।
कार्यक्रम का संचालन डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर बृष्टि मित्रा ने किया। इस दौरान प्रति कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार अवस्थी, कुलसचिव राकेश कुमार, यूआईईटी के निदेशक डॉ. आलोक कुमार और अन्य फैकल्टी सदस्य उपस्थित रहे।
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