यूपी में कोल्ड स्टोरेज के आधुनिकीकरण को मिलेगा नया आयाम
लखनऊ में AEEE की कार्यशाला में यूपी के कोल्ड स्टोरेज आधुनिकीकरण को लेकर नीति, तकनीक और वित्तीय समाधान साझा हुए।
कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री (बागवानी) दिनेश प्रताप सिंह ने किया। उन्होंने कहा,
"कोल्ड स्टोरेज का आधुनिकीकरण न सिर्फ फसल की सुरक्षा के लिए ज़रूरी है, बल्कि किसानों की आमदनी बढ़ाने का सीधा ज़रिया भी है।"
उन्होंने PPP मॉडल को मंडी स्तर पर लागू करने, आम जैसी फसलों की भंडारण अवधि बढ़ाने और महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने की सलाह दी।
उत्तर प्रदेश देश की 40% कोल्ड स्टोरेज क्षमता का प्रतिनिधित्व करता है, परंतु राज्य की अधिकांश इकाइयां 2010 से पहले की हैं और तकनीकी दृष्टि से पिछड़ी हुई हैं। इन इकाइयों में ऊर्जा लागत अधिक है और विविध फसलों को संग्रहित करने में असमर्थता बनी हुई है।
उप निदेशक (आलू) के. के. नीरज ने संरचनात्मक सुधार पर बल दिया और बरेली की एक घटना का उल्लेख किया जहाँ अमोनिया रिसाव से कर्मचारियों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई थी।
कार्यशाला में निम्नलिखित विषयों पर प्रमुख चर्चा हुई:
कोल्ड स्टोरेज संचालन में ऊर्जा दक्षता और नवीकरणीय ऊर्जा का एकीकरण
डिजिटल प्लेटफॉर्म द्वारा सरकारी योजनाओं की प्रोफाइलिंग और EOI संग्रह
सरकारी योजनाओं जैसे MIDH, NCCD, और एकीकृत पैकहाउस के अंतर्गत 35% तक सब्सिडी
वित्तीय मॉडल: ₹1 करोड़ में पुराने स्टोरेज का नवीनीकरण, ₹2.3 करोड़ में बहु-उत्पाद स्टोर और ₹10 करोड़ में पूरी वैल्यू चेन डेवलपमेंट
बागवानी निदेशक भानु प्रकाश राम ने कहा कि विभाग के पास बजट तो है, लेकिन परियोजनाओं की कमी है। उन्होंने स्टोरेज मालिकों से सक्रिय प्रस्ताव लाने की अपील की।
UPNEDA के वरिष्ठ सलाहकार गिरीश कुमार ने बताया कि सौर ऊर्जा और नेट मीटरिंग से कोल्ड स्टोरेज की लागत में 85% तक की कमी लाई जा सकती है।
AEEE के वरिष्ठ निदेशक प्रमोद कुमार सिंह ने कहा,
"कोल्ड स्टोरेज आधुनिकीकरण तकनीकी नहीं, बल्कि नीति और समन्वय की चुनौती है। संकल्प इसी समस्या का उत्तर बन रहा है।"
ओपन हाउस सत्र में अभय कुमार और त्रिप्ती (BKT कोल्ड स्टोर) जैसे स्टेकहोल्डर्स ने EEMS (Energy Efficient Measures) जैसे पावर फैक्टर सुधार, फिन कॉइल और इन्सुलेशन तकनीक से 15-20% बिजली बिल में कटौती का अनुभव साझा किया।
कार्यशाला का समापन एक राउंडटेबल योजना, फीडबैक संग्रह और इच्छुक स्टोरेज मालिकों से EOI (Expression of Interest) प्राप्त करने के साथ हुआ। आने वाले समय में आगरा, कानपुर और कन्नौज जैसे शहरों में क्लस्टर आधारित कार्यशालाओं की योजना है।
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