भारत-ब्रिटेन एफटीए: मोदी-स्टार्मर की मौजूदगी में ऐतिहासिक व्यापार समझौता
भारत-ब्रिटेन एफटीए से टेक्सटाइल, रत्न, फुटवियर उद्योग को मिलेगा ब्रिटेन में सस्ता बाजार, निवेश व रोजगार बढ़ेगा।

इस समझौते के तहत, ब्रिटेन भारत के 99% उत्पादों और सेवाओं पर टैरिफ में कमी करेगा, जबकि भारत ब्रिटेन के लगभग 90% उत्पादों पर आयात शुल्क को न्यूनतम स्तर तक लाएगा। इसमें विशेष रूप से स्कॉच व्हिस्की, कार, चॉकलेट और बिस्किट जैसे उत्पाद शामिल हैं।
व्हिस्की पर शुल्क 150% से घटकर 90% होगा, जिसे अगले 10 वर्षों में घटाकर 40% तक किया जाएगा। दूसरी ओर, भारत के फुटवियर, टेक्सटाइल, रत्न एवं आभूषण, ऑटो पार्ट्स जैसे उद्योगों के लिए ब्रिटेन का बाजार अधिक प्रतिस्पर्धी और सुलभ होगा।
इस डील से आगरा-कानपुर का चमड़ा उद्योग, सूरत-लुधियाना-पानीपत का कपड़ा उद्योग, और सूरत-मुंबई का ज्वैलरी बाजार सीधा लाभ पाएंगे। साथ ही भारतीय समुद्री खाद्य, कृषि उत्पाद, मशीनरी और इंजीनियरिंग सामान के लिए निर्यात के नए अवसर खुलेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा,"यह समझौता केवल व्यापारिक नहीं, बल्कि भविष्य की साझेदारी का आधार है। भारत के युवाओं, किसानों और मछुआरों को इससे नई ताकत मिलेगी।"
ब्रिटिश पीएम स्टार्मर ने भी इसे गेमचेंजर बताया,"इस डील से £6 अरब का नया निवेश और हज़ारों रोजगार के अवसर बनेंगे। टेक्सटाइल, खेल सामग्री, कोल्हापुरी चप्पल और आभूषण जैसे पारंपरिक क्षेत्रों को भी लाभ मिलेगा।"
साथ ही, दोनों देशों ने "विजन 2035" की शुरुआत की है, जिसके तहत रक्षा, शिक्षा, टेक्नोलॉजी और पीपुल-टू-पीपुल कनेक्ट जैसे क्षेत्रों में दीर्घकालिक सहयोग होगा।
महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत और ब्रिटेन ने दोहरे योगदान समझौते (DCC) पर भी सहमति जताई है, जिससे भारत की कुशल प्रतिभा ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा देगी।
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