'15 साल का इंतजार रंग लाया': हरलीन कौर रेखी ने 'कामधेनु गौमाता' से पहली लीड भूमिका पर खुलकर बात की

अभिनेत्री हरलीन कौर रेखी ने 'कामधेनु गौमाता' में अपनी पहली मुख्य भूमिका, थिएटर के अनुभव और पौराणिक किरदार की चुनौतियों पर बात की।

Aug 19, 2025 - 22:24
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'15 साल का इंतजार रंग लाया': हरलीन कौर रेखी ने 'कामधेनु गौमाता' से पहली लीड भूमिका पर खुलकर बात की

टीवी इंडस्ट्री में 15 सालों से अधिक समय तक काम करने के बाद, अभिनेत्री हरलीन कौर रेखी आखिरकार अपनी पहली लीड भूमिका में नजर आ रही हैं। स्टार भारत के पौराणिक शो 'कामधेनु गौमाता' में वह शीर्षक किरदार कामधेनु देवी का चित्रण कर रही हैं। अपनी खुशी, संघर्ष और किरदार की तैयारी को लेकर हरलीन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में खुलकर बात की।

हरलीन ने बताया कि इस भूमिका के लिए उन्होंने पिछले साल सितंबर में ऑडिशन दिया था, लेकिन तब बात नहीं बन पाई थी। वह कहती हैं, "करीब साढ़े तीन महीने बाद अचानक मुझे कॉल आया कि वे मुझे फाइनल करना चाहते हैं। मैं हैरान रह गई।" हरलीन के लिए यह मौका सिर्फ एक रोल नहीं, बल्कि उनके सालों की मेहनत का फल है। वह मानती हैं कि "हमारे प्रोफेशन में कुछ भी पक्का नहीं होता, जब तक आप सेट पर न पहुँच जाओ।"

अपने मेंटर्स प्रेम सागर और शिव सागर के साथ अपने रिश्ते पर बात करते हुए हरलीन ने कहा कि प्रेम सागर जी ने उन्हें एक गुरु की तरह गाइड किया। उन्होंने कहा, "इतने बड़े प्लेटफॉर्म पर यह मेरी पहली लीड भूमिका है। 14-15 साल काम करने के बाद मुझे यह मौका मिला है।" यह उनका समर्पण और धैर्य ही था जो उन्हें इस मुकाम तक लेकर आया।

एक पौराणिक किरदार को निभाना कई मायनों में चुनौतीपूर्ण होता है। हरलीन ने बताया कि वह थिएटर से जुड़ी हैं और 10 साल से अधिक समय तक रामलीला में काम कर चुकी हैं, जिससे उनकी शुद्ध हिंदी पर अच्छी पकड़ है। हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्होंने इस किरदार के लिए गहन तैयारी की। वह बताती हैं, "मैंने प्रेम सर से पूरा स्टोरीबोर्ड माँगा और शिव सागर जी और क्रिएटिव टीम से 10-12 एपिसोड लिए, जिन्हें मैंने अच्छे से पढ़ा।" उन्होंने अपनी टीम के साथ हर बारीकी को समझने में समय बिताया।

हरलीन मानती हैं कि हर किरदार के लिए शारीरिक बदलाव और बॉडी लैंग्वेज पर काम करना जरूरी है। वह कहती हैं, "अगर मैं मंदोदरी निभाऊँ तो वह सीता माँ से अलग दिखनी चाहिए।" उन्होंने बताया कि 'कामधेनु गौमाता' में तैयार होने में उन्हें लगभग दो घंटे लगते थे। इसमें बाल, मेकअप, कॉस्ट्यूम और ज्वेलरी शामिल थे। वह भाषा को लेकर भी काफी सजग हैं और किसी भी शब्द को समझने के लिए तुरंत अपनी टीम से मदद लेती हैं।

हरलीन ने रील और रियल लाइफ के बीच संतुलन बनाने की भी सलाह दी। वह कहती हैं, "किरदार से मिली अच्छी बातें हमें अपनी जिंदगी में उतारनी चाहिए, लेकिन अगर आप कोई नकारात्मक रोल कर रहे हैं तो सावधान रहना चाहिए कि उसका असर आपकी असल जिंदगी पर न पड़े।" हरलीन कौर रेखी का सफर उन सभी कलाकारों के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए धैर्य और कड़ी मेहनत पर विश्वास रखते हैं।

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