उर्सला अस्पताल में खुला जनस्वास्थ्य सहायक केंद्र: सस्ती दवाइयों की ओर एक कदम
कानपुर के उर्सला अस्पताल में शुरू हुआ जनऔषधि केंद्र, अब सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं होंगी आमजन की पहुंच में।

कानपुर: कानपुर की स्वास्थ्य सेवाओं में एक नई क्रांति की शुरुआत करते हुए उर्सला अस्पताल में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र का उद्घाटन किया गया है। यह पहल विशेष रूप से उन मरीजों के लिए राहत का संदेश लेकर आई है, जो महंगी ब्रांडेड दवाइयों के खर्च से परेशान थे। इस केंद्र का उद्घाटन जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने किया, जहां उन्होंने इसके सामाजिक महत्व और व्यापक लाभों पर प्रकाश डाला।
जनऔषधि केंद्र की स्थापना का उद्देश्य है कि आम नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाइयां अत्यधिक किफायती दरों पर उपलब्ध कराई जाएं। जिलाधिकारी ने कहा, "यह केंद्र आम जनता, खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए एक वरदान साबित होगा। यहां उपलब्ध दवाइयों की गुणवत्ता वही है जो बाजार में उपलब्ध महंगी ब्रांडेड दवाओं की होती है, अंतर केवल कीमत में है।"
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना का मूल उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश का हर नागरिक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त कर सके, चाहे उसकी आर्थिक स्थिति कुछ भी हो। इस परियोजना के तहत स्थापित केंद्र न केवल दवाइयां सस्ते में प्रदान करते हैं, बल्कि आम जनता में जेनेरिक दवाइयों के प्रति विश्वास भी बढ़ा रहे हैं।
उद्घाटन अवसर पर उपस्थित डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों ने भी इस पहल का स्वागत किया और बताया कि इससे मरीजों की नियमित दवाओं का खर्च काफी कम होगा, जिससे उपचार अधूरा छोड़ने की समस्या में भी कमी आएगी।
इस केंद्र पर मधुमेह, उच्च रक्तचाप, दिल संबंधी रोगों, त्वचा रोगों, संक्रमण और अन्य सामान्य बीमारियों के लिए जरूरी जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध होंगी। अधिकारियों के अनुसार आने वाले समय में दवा की उपलब्धता और श्रेणियों में भी विस्तार किया जाएगा।
यह जनऔषधि केंद्र न केवल दवाइयों की कीमत में राहत देगा, बल्कि जनता को यह भी सिखाएगा कि सही जानकारी और सरकारी प्रयासों से कैसे स्वास्थ्य सेवा को सुलभ बनाया जा सकता है। यह केंद्र एक उदाहरण है कि सरकारी योजनाएं यदि सही ढंग से लागू हों, तो वे समाज के हर वर्ग के लिए जीवन-परिवर्तनकारी साबित हो सकती हैं।