मन की बात सुनकर भाजपा जिलाध्यक्ष ने किया वृक्षारोपण, श्यामा प्रसाद मुखर्जी को अर्पित की श्रद्धांजलि
निर्मला पासवान ने मन की बात सुन पर्यावरण और महिला सशक्तिकरण को लेकर वृक्षारोपण कर संकल्प लिया।

प्रयागराज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत 'मन की बात' कार्यक्रम न केवल संवाद का माध्यम है, बल्कि यह आम जनमानस को प्रेरणा देने वाला राष्ट्रीय अभियान भी बन गया है। रविवार को इसी क्रम में गंगापार की भाजपा जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान ने बहरिया के गहरपुर गांव में बूथ संख्या 317 पर कार्यकर्ताओं के साथ मन की बात कार्यक्रम को सुना।
कार्यक्रम की शुरुआत श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण और श्रद्धांजलि अर्पित कर हुई। जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान ने इस अवसर पर कहा कि देश की एकता और अखंडता के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी का योगदान अमूल्य है। उन्होंने ‘एक देश - दो विधान, दो निशान, दो प्रधान नहीं चलेगा’ का जो नारा दिया था, उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर साकार किया।
मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल के उस काले दौर की चर्चा की, जब न केवल संविधान, बल्कि न्यायपालिका को भी गुलाम बनाने की कोशिश की गई। उन्होंने लोकतंत्र की हत्या, नागरिकों के अधिकारों का हनन और अत्याचारों की याद दिलाते हुए आज की लोकतांत्रिक सफलता की तुलना उस समय से की। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने महिलाओं की आत्मनिर्भरता, ऑपरेशन सिंदूर और भगवान बुद्ध के विचारों पर भी विस्तार से चर्चा की।
कार्यक्रम के पश्चात निर्मला पासवान ने 'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान के तहत वृक्षारोपण किया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण और मातृशक्ति का सम्मान आज के समय की सबसे बड़ी ज़रूरत है। वृक्षारोपण केवल प्रकृति से जुड़ाव नहीं, बल्कि समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी का प्रतीक है।
इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष संजय मौर्या, पूर्व मंडल अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह, मीडिया प्रभारी उमेश तिवारी, महिला मोर्चा की जिला मंत्री संगीता पटेल, श्याम सुंदर दुबे, शारदा प्रसाद शुक्ला, पंकज श्रीवास्तव, शिवम मिश्रा, शिवबाबू मोदनवाल, महेश माली और गुड्डू राजा सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।
कार्यक्रम ने न केवल कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार किया, बल्कि समाजहित में काम करने की भावना को भी प्रबल किया। भाजपा की यह पहल महिलाओं, पर्यावरण और लोकतांत्रिक मूल्यों को समर्पित रही।