प्रयागराज में राष्ट्रीय सांख्यिकीय दिवस पर महालनोबिस को किया नमन

प्रयागराज में पी.सी. महालनोबिस की जयंती पर सांख्यिकीय दिवस मनाया गया, राष्ट्रीय सैंपल सर्वे की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा

प्रयागराज में राष्ट्रीय सांख्यिकीय दिवस पर महालनोबिस को किया नमन
प्रयागराज में राष्ट्रीय सांख्यिकीय दिवस पर महालनोबिस को किया नमन

प्रयागराज। प्रसिद्ध सांख्यिकीय वैज्ञानिक प्रोफेसर पी.सी. महालनोबिस की जयंती के अवसर पर 29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकीय दिवस का आयोजन कार्यालय अर्थ एवं संख्याधिकारी, विकास भवन, प्रयागराज में श्रद्धा और ज्ञानवर्धन के साथ किया गया। इस वर्ष कार्यक्रम की थीम थी – "75 Years of National Sample Survey", जो राष्ट्रीय स्तर पर सांख्यिकी की सशक्त परंपरा और उपलब्धियों को रेखांकित करती है।

कार्यक्रम की शुरुआत अपर सांख्यिकीय अधिकारी विवेक कुमार सिंह द्वारा संचालन से हुई। सर्वप्रथम चन्द्र प्रकाश मौर्य ने प्रो. पी.सी. महालनोबिस के जीवन और योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि किस तरह प्रो. महालनोबिस ने आधुनिक भारत में सांख्यिकीय विधियों को नीतिगत निर्णयों का आधार बनाया।

इसके बाद श्रीमती वर्षा पाण्डेय, अपर सांख्यिकीय अधिकारी (रा.प्र.स.) ने राष्ट्रीय सैंपल सर्वेक्षण (National Sample Survey) की कार्यप्रणाली, इसकी गुणवत्ता और सामाजिक-आर्थिक आंकड़ों में इसके महत्व को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि विश्वसनीय और सटीक आंकड़ों के माध्यम से नीतियों की दिशा तय होती है, और राष्ट्रीय सैंपल सर्वे भारत में इस कार्य का स्तंभ रहा है।

कार्यक्रम में अजय सिंह चंदेल, सहायक सांख्यिकीय अधिकारी ने उपस्थित कर्मियों को गुणवत्तापूर्ण आंकड़ा संग्रहण की शपथ दिलाई और राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण को अधिक सटीक एवं प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने का संकल्प लिया।

इस आयोजन में श्रीमती प्रीति यादव (कलाकार), महेन्द्र कुमार (वरिष्ठ सहायक), अमन कुमार श्रीवास्तव सहित कई अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि आंकड़ों की ताकत केवल संख्याओं तक सीमित नहीं, बल्कि ये शासन और विकास की नींव को मजबूती देने वाला आधार हैं।

कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल महान वैज्ञानिक प्रो. महालनोबिस को श्रद्धांजलि अर्पित करना था, बल्कि सांख्यिकी के क्षेत्र में काम कर रहे कर्मियों को प्रेरित करना और उनके योगदान को रेखांकित करना भी था। उनके विचारों और योगदान को आत्मसात करते हुए विभागीय अधिकारियों ने संकल्प लिया कि भविष्य में भी वे पारदर्शी, वैज्ञानिक और निष्पक्ष आंकड़ा संग्रहण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे।