शारीरिक शिक्षा व समाज सेवा में योगदान को मिली वैश्विक सराहना

प्रो. पचौरी को दो अंतरराष्ट्रीय अवार्ड, शारीरिक शिक्षा, समाज सेवा व पर्यावरण में योगदान के लिए सम्मान।

शारीरिक शिक्षा व समाज सेवा में योगदान को मिली वैश्विक सराहना
शारीरिक शिक्षा व समाज सेवा में योगदान को मिली वैश्विक सराहना

(जैनुल आब्दीन)

प्रयागराज। शारीरिक शिक्षा, योग, स्वास्थ्य, क्रीड़ा एवं समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए कुलभास्कर आश्रम स्नातकोत्तर महाविद्यालय प्रयागराज के शारीरिक शिक्षा विभागाध्यक्ष प्रो. पवन कुमार पचौरी को दो-दो अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सम्मानित किया गया है। यह उपलब्धि न केवल प्रयागराज के लिए गर्व का विषय है, बल्कि रज्जू भैया विश्वविद्यालय से जुड़े समस्त शैक्षणिक जगत के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी है।

11 मई 2025 को महाकौशल यूनिवर्सिटी जबलपुर में आयोजित "इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन एनवायरनमेंट एंड सोसाइटी" के दौरान उन्हें "ऑनरेरी फेलोशिप अवार्ड" से नवाजा गया। यह सम्मान उन्हें ग्लोबल एनवायरनमेंट एंड सोशल एसोसिएशन द्वारा उनके सामाजिक कार्य, पर्यावरण संरक्षण, लेखन व अनुसंधान में किए गए समर्पित प्रयासों के लिए प्रदान किया गया।

इसके अलावा, कुछ दिन पूर्व जनता कॉलेज, बकेवर, इटावा में आयोजित "इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन इनोवेशन, इंटरप्रेन्योरशिप एंड इन्क्यूबेशन इन एग्रीकल्चर साइंस, कॉमर्स एंड सोशल साइंस" विषयक संगोष्ठी में उन्हें "एक्सीलेंस इन टीचिंग एंड मेंटोरशिप अवार्ड 2025" से सम्मानित किया गया।

प्रो. पचौरी वर्तमान में न केवल कुलभास्कर आश्रम महाविद्यालय में विभागाध्यक्ष हैं, बल्कि वे रज्जू भैया विश्वविद्यालय की परीक्षा समिति, विद्या परिषद, बोर्ड ऑफ स्टडीज में कन्वीनर, राष्ट्रीय खेल उत्थान परिषद के अध्यक्ष, शारीरिक शिक्षा उन्नयन संस्था के सचिव, जिला तीरंदाजी संघ एवं टेनिस बॉल क्रिकेट एसोसिएशन प्रयागराज के अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

उनकी इस दोहरी उपलब्धि पर महाविद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष चौधरी राघवेंद्र नाथ सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष चौधरी जितेंद्र नाथ सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता एस.डी. कौटिल्य, प्राचार्या प्रो. गीतांजलि मौर्य, समस्त शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं ने उन्हें बधाई दी। साथ ही प्रयागराज मंडल के शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षकों, खिलाड़ियों, और राष्ट्रीय खेल संस्थाओं ने भी हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त की।

इन सम्मानों ने यह सिद्ध कर दिया कि यदि कार्य निष्ठा, समाज सेवा और नवाचार से किया जाए तो उसका प्रभाव न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि वैश्विक मंचों तक पहुंचता है। प्रो. पचौरी की यह उपलब्धि आने वाले युवाओं व शिक्षकों के लिए प्रेरणा का श्रोत है।