एनटीपीसी टांडा की पहल से खिला अकबरपुर स्टेशन, पर्यावरण और भाषा को मिला नया आयाम

एनटीपीसी टांडा ने अकबरपुर स्टेशन पर पौधारोपण, हिंदी प्रचार और स्वच्छता से जुड़ी पहल कर नई मिसाल कायम की।

एनटीपीसी टांडा की पहल से खिला अकबरपुर स्टेशन, पर्यावरण और भाषा को मिला नया आयाम

अम्बेडकर नगर: अकबरपुर रेलवे स्टेशन इन दिनों हरियाली और स्वच्छता के संदेशों से सजाया गया है, और इसके पीछे है एनटीपीसी टांडा की अभिनव पहल। पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता जागरूकता और राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार को समर्पित इस प्रयास के तहत स्टेशन परिसर को न केवल सौंदर्य से संवारा गया, बल्कि जनमानस में चेतना जगाने वाले संदेशों से भी समृद्ध किया गया।

कार्यक्रम के अंतर्गत स्टेशन परिसर में विविध प्रजातियों के पौधों का रोपण किया गया, जिनमें फलदार, छायादार और सजावटी पौधों का समावेश रहा। इस पहल का उद्देश्य न केवल परिसर को हराभरा बनाना है, बल्कि यात्रियों को एक स्वच्छ, शीतल और सुकूनदायक वातावरण उपलब्ध कराना भी है।

इसके साथ ही स्टेशन परिसर में आकर्षक होर्डिंग्स लगाए गए, जिनमें स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और हिन्दी भाषा के महत्व पर आधारित संदेश सरल एवं प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किए गए हैं। इन संदेशों का उद्देश्य यात्रियों और आमजन को जागरूक बनाना है ताकि वे भी स्वच्छता और हरियाली के इस अभियान का हिस्सा बनें।

इस अवसर पर एनटीपीसी टांडा के अपर महाप्रबंधक (मानव संसाधन) श्री रजनीश कुमार खेतान मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। उन्होंने स्टेशन मास्टर श्री विनोद कुमार तथा रेलवे और एनटीपीसी के अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर पौधारोपण किया। कार्यक्रम का संचालन कार्यपालक (नैगम संचार व राजभाषा) श्री वरुण सोनी के दिशा-निर्देशन में किया गया।

श्री खेतान ने अपने संबोधन में कहा, “एनटीपीसी केवल ऊर्जा उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संस्था समाज और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को लेकर सजग है। अकबरपुर स्टेशन का सौंदर्यीकरण हमारी उसी प्रतिबद्धता का हिस्सा है। हम चाहते हैं कि स्टेशन पर आने वाला प्रत्येक यात्री हरियाली, स्वच्छता और हिन्दी भाषा के प्रति सकारात्मक संदेश लेकर लौटे।”

एनटीपीसी की यह पहल न केवल स्टेशन परिसर की दृश्यात्मक सुंदरता को बढ़ाएगी, बल्कि यह आम जनमानस के भीतर पर्यावरणीय जागरूकता और हिन्दी भाषा के प्रति गौरव की भावना को भी प्रबल करेगी।

इस संयुक्त प्रयास से यह स्पष्ट हो गया है कि जब सार्वजनिक संस्थाएं और कॉर्पोरेट जगत एक साथ मिलकर समाज कल्याण की दिशा में कार्य करते हैं, तो न केवल बुनियादी ढांचे में सुधार आता है, बल्कि सामाजिक चेतना में भी सकारात्मक बदलाव आता है।

अकबरपुर स्टेशन अब केवल एक यात्रा पड़ाव नहीं, बल्कि जागरूकता, हरियाली और भाषा प्रेम का एक प्रेरणास्रोत बन चुका है – और इसका श्रेय जाता है एनटीपीसी टांडा की दूरदर्शी सोच को।