नौटंकी और संस्कृति गीतों के संग मनाई गई गुरु पूर्णिमा
कानपुर में संस्कृति गीत, नौटंकी और नककारा वादन के साथ कलाकारों ने गुरु पूर्णिमा पर्व को भावपूर्ण ढंग से मनाया

कार्यक्रम की शुरुआत गुरु वंदना और संस्कृति गीत गायन से हुई। कलाकारों ने नौटंकी गायन, नककारा वादन और हारमोनियम संगति के माध्यम से गुरु परंपरा को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. इंद्र मोहन रोहतगी की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिन्होंने कलाकारों के उत्साह की सराहना की।
इस कार्यक्रम के माध्यम से उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज व संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित गुरु-शिष्य परंपरा प्रशिक्षण शिविर (नककारा वादन) का भी समापन हुआ, जो 11 जुलाई 2024 से चल रहा था।
इसके अतिरिक्त, संस्कृत निदेशालय, जवाहर भवन, लखनऊ के सहयोग से नौटंकी "ऑपरेशन सिंदूर" की स्क्रिप्ट पूजा भी संपन्न हुई। यह नौटंकी कार्यशाला 20 जून 2025 से शाम 6 से 8 बजे तक आयोजित की जा रही थी, जिसमें चयनित कलाकारों को प्रशिक्षण दिया गया।
आज के कार्यक्रम में कई युवा कलाकारों की भागीदारी रही, जिनमें विशेष रूप से:
मुन्नी राजू (गायक)
संदीप मोनू, विशाल, सुरेश शर्मा, प्रियंका, नेहा, दीप
सुमित, सुनील कुमार विश्वकर्मा, आदित्य, विशाल समुद्रे
बाबू, ऋषभ, प्रिंस, साहिल, अशोक, सौरभ सहगल, बेबी मैहर
आदि ने अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से कार्यक्रम को जीवंत बना दिया।
यह आयोजन केवल कला का प्रदर्शन नहीं, बल्कि भारतीय गुरु-शिष्य परंपरा, लोक कलाओं के संरक्षण और नवोदित कलाकारों के प्रशिक्षण की दिशा में एक सार्थक प्रयास रहा। उपस्थित कलाकारों और दर्शकों ने इसे एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उत्सव के रूप में अनुभव किया।
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