मतदाता सूची की गुणवत्ता सुधार पर जोर, मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने दिए स्पष्ट निर्देश
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने वाराणसी में 23 ज़िलों के डीएम को मतदाता सूची सुधार पर दिशा-निर्देश दिए

प्रयागराज। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने वाराणसी में आयोजित द्वितीय चरण के प्रशिक्षण सत्र में पूर्वांचल के 23 ज़िलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों को आगामी मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रत्येक मतदेय स्थल पर अधिकतम 1200 मतदाताओं की संख्या के आधार पर सम्भाजन की प्रक्रिया समयबद्ध और सटीक रूप से पूरी की जाए।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने अधिकारियों को भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप मतदाता सूची के अद्यतन, सम्भाजन, मतदाता फोटो की गुणवत्ता, जेंडर रेशियो में सुधार तथा पारिवारिक सदस्यों के नाम एक ही पोलिंग बूथ में दर्ज करने जैसे अहम बिंदुओं पर गहराई से प्रशिक्षित किया।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि बीएलओ की नियुक्ति नियमानुसार की जाए और मतदाता सूची संबंधी शिकायतों का गंभीरता से निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। सभी ज़िलाधिकारियों को यह भी सलाह दी गई कि वे राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से नियमित संवाद रखें, साथ ही ईवीएम वेयरहाउस का समय-समय पर निरीक्षण करते रहें।
प्रशिक्षण में ईआरओ नेट, बीएलओ एप, वोटर सर्विस पोर्टल और वोटर हेल्पलाइन एप जैसे डिजिटल माध्यमों का उपयोग कैसे करना है, इस पर भी विस्तार से चर्चा की गई। श्री रिणवा ने बताया कि यह पहली बार है जब जिला निर्वाचन अधिकारियों का भौतिक प्रशिक्षण कराया जा रहा है, ताकि चुनावी तैयारियों को और भी बेहतर किया जा सके।
प्रशिक्षण के दौरान मतदाता फॉर्म भरवाते समय नागरिकों का मोबाइल नंबर और सटीक पता दर्ज कराने पर विशेष बल दिया गया, जिससे आवेदक अपने आवेदन की स्थिति को ऑनलाइन ट्रैक कर सकें। फार्म-6, फार्म-7 और फार्म-8 की जानकारी का अधिकतम प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
श्री रिणवा ने विश्वास जताया कि तीन चरणों में हो रहे इन प्रशिक्षण सत्रों के बाद प्रदेश की मतदाता सूची में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिलेगा। मेरठ में 7 जुलाई को पहले चरण का प्रशिक्षण आयोजित किया गया था जिसमें 15 ज़िलों के अधिकारी शामिल हुए थे। इससे पूर्व लखनऊ में जून माह में विधानसभा रजिस्ट्रेशन अधिकारियों के प्रशिक्षण का भी सफल आयोजन हो चुका है।
वाराणसी में हुए इस सत्र में आजमगढ़, बलिया, मऊ, जौनपुर, गाजीपुर, अंबेडकरनगर, भदोही, प्रयागराज, अयोध्या, अमेठी सहित कुल 23 ज़िलों के अधिकारी उपस्थित रहे।
प्रशिक्षण का उद्देश्य साफ था — निर्वाचन प्रक्रिया को पारदर्शी, त्रुटिरहित और तकनीक-सक्षम बनाना ताकि लोकतंत्र की नींव और भी मजबूत हो सके।
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