भूमि एवं जल संरक्षण पर जिलास्तरीय बैठक संपन्न, प्रस्तावित परियोजनाओं को किया गया अस्वीकृत
अम्बेडकरनगर में भूमि एवं जल संरक्षण समिति की बैठक में परियोजनाएं अस्वीकृत, समन्वय कर नए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश

अम्बेडकरनगर। कलेक्ट्रेट सभागार में बुधवार को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला भूमि एवं जल संरक्षण समिति तथा जिला मिशन समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में माननीय विधायक कटेहरी धर्मराज निषाद, जिला पंचायत अध्यक्ष श्याम सुंदर वर्मा उर्फ साधू वर्मा, मुख्य विकास अधिकारी आनंद कुमार शुक्ला समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक का प्रमुख उद्देश्य वर्ष 2025–26 के लिए विभिन्न जल संरक्षण एवं कृषि आधारित योजनाओं के प्रस्तावों की समीक्षा करना था। समिति द्वारा प्रस्तुत की गई परियोजनाओं की भौतिक और वित्तीय प्रगति की गहन जांच की गई। समीक्षा के पश्चात यह निर्णय लिया गया कि प्रस्तुत परियोजनाएं जनप्रतिनिधियों से समन्वय के अभाव में तैयार की गई हैं, अतः इन सभी प्रस्तावों को अस्वीकृत किया जाता है।
जिलाधिकारी ने भूमि संरक्षण अधिकारी को निर्देशित किया कि सभी योजनाओं का पुनः समन्वय स्थापित करते हुए निर्माण करें और नई परियोजनाओं की एक बैठक में पुनः प्रस्तुति दें। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं की विस्तृत बुकलेट तैयार कर सभी जनप्रतिनिधियों और संबंधित अधिकारियों को सौंपी जाए, ताकि निर्णय प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सहभागी बन सके।
बैठक में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना, आरकेवीआई रफ्तार योजना, आरएडी योजना और मनरेगा के तहत प्रस्तावित खेत तालाब, जल संचयन और अन्य संरचनात्मक परियोजनाएं भी रखी गई थीं, परन्तु समिति ने इन्हें भी मंजूरी नहीं दी। समिति का स्पष्ट मत था कि लाभार्थी चयन, भू-स्थितियां और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार नए प्रस्ताव तैयार किए जाएं।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने विशेष रूप से खेत तालाब योजना का जिक्र करते हुए कहा कि यह योजना जल संकट से निपटने और कृषि उत्पादकता बढ़ाने में सहायक हो सकती है, यदि इसका क्रियान्वयन ठीक ढंग से हो। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि परियोजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि ग्रामीण किसान और अन्य पात्र लाभार्थी योजनाओं से जुड़ सकें।
भूमि संरक्षण अधिकारी को निर्देश दिया गया कि वे गांव स्तर पर जाकर योजनाओं की जानकारी दें और लाभार्थियों की भागीदारी सुनिश्चित करें। साथ ही, यह भी कहा गया कि सभी योजनाओं का क्रियान्वयन नियमों के अनुरूप और पारदर्शिता के साथ किया जाए।
बैठक का समापन इस आश्वासन के साथ हुआ कि अगली समीक्षा बैठक में जनप्रतिनिधियों और हितधारकों की सहभागिता से तैयार की गई योजनाएं प्रस्तुत की जाएंगी, जिससे जिले में जल और भूमि संरक्षण की दिशा में ठोस और प्रभावी कदम उठाए जा सकें।
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