कानपुर में 27 जून को निकलेगी भगवान जगन्नाथ जी की भव्य रथयात्रा, 18 मंडलों की होगी भागीदारी

कानपुर में 27 जून को भगवान जगन्नाथ जी की भव्य रथयात्रा निकलेगी, झांकियों और भक्तिभाव का अद्भुत संगम होगा

कानपुर में 27 जून को निकलेगी भगवान जगन्नाथ जी की भव्य रथयात्रा, 18 मंडलों की होगी भागीदारी

आनंदी मेल ब्यूरो

कानपुर : कानपुरवासियों के लिए यह हर्ष और आस्था का विषय है कि भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी जी की भव्य रथयात्रा का प्रथम दिवस इस वर्ष शुक्रवार, 27 जून 2025 को मनाया जाएगा। इस पावन अवसर पर भगवान श्री जगन्नाथ जी, श्री बलराम जी तथा माता सुभद्रा जी रजत रथ पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे।

इस विशाल रथयात्रा में करीब 18 संस्थाएं/मंडल भाग लेंगी। भगवान के विभिन्न स्वरूपों की झांकियां, पारंपरिक वाद्य यंत्र, ध्वज-पताका, बैंड-बाजे और बच्चों की मनमोहक प्रस्तुतियां पूरे शहर को भक्तिरस में डुबो देंगी। महामंत्री विवेक अग्निहोत्री के अनुसार, यह रथयात्रा पुरी के बाद देश की सबसे बड़ी रथयात्रा मानी जाती है।

यात्रा का शुभारंभ बाई जी मंदिर, जगन्नाथ गली, जनरलगंज से होगा और यह काहूकोठी, नयागंज चौराहा, सुनराही देवी रोड, मोती मोहाल, तेलियाना होते हुए नागेश्वर भगवान मंदिर, नयागंज, सराफा बाजार, मूलगंज, चौक सराफा होते हुए प्रयाग नारायण शिवाला में कुछ समय के लिए विश्राम करेगी। इसके पश्चात रथ सरसैया घाट पहुंचेगा, जहां आरती व पूजन के बाद रथ पुनः चटाई मोहाल, कमला टावर, सिरकी मोहाल होते हुए जगन्नाथ गली में विश्राम करेगा।

इस रथयात्रा महोत्सव का आयोजन श्री जगन्नाथ जी रथयात्रा प्रबन्धक समिति (प्रथम दिवस) द्वारा किया जा रहा है। अध्यक्ष श्री प्रदीप गुप्ता, उपाध्यक्ष कृष्ण गुप्ता (बब्बू) और महामंत्री विवेक अग्निहोत्री की अगुवाई में कार्यक्रम की रूपरेखा तय की गई है। आयोजन में पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंत श्री जीतेंद्र दास और महंत कृष्ण दास का मार्गदर्शन भी रहेगा।

विशेष बात यह है कि रविवार, 6 जुलाई 2025 को दोपहर 2 बजे से नानाराव पार्क, फूलबाग में महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी का महाप्रसाद एवं विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर श्री बलराम जी, माता सुभद्रा जी व श्री जगन्नाथ जी के अंगार, भोग-आरती के साथ भव्य आयोजन होगा।

इस वर्ष की रथयात्रा में सम्मिलित मंडलों, झांकियों के बच्चों और प्रशासनिक अधिकारियों/कर्मचारियों का विशेष सम्मान समारोह भी आयोजित किया जाएगा, जो सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बनेगा।