कृषकों के लिए वरदान साबित हो रहे नैनो यूरिया प्लस और नैनो डीएपी
इफको के प्रधानाचार्य डॉ. हरिश्चंद्र ने किसानों को नैनो यूरिया प्लस और नैनो डीएपी के लाभों पर जागरूक किया।

जैनुल आब्दीन
प्रयागराज। भारतीय कृषकों को अधिक उपज और पर्यावरण हितैषी कृषि समाधान देने के उद्देश्य से इफको लगातार नई तकनीकों को बढ़ावा दे रहा है। इसी क्रम में मोतीलाल नेहरू फार्मर्स ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, कोरडेट, इफको, फूलपुर में एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां प्रधानाचार्य डॉ. हरिश्चंद्र ने किसानों को नैनो यूरिया प्लस और नैनो डीएपी के उपयोग और उनके फायदों के बारे में जागरूक किया।
उन्होंने बताया कि नैनो यूरिया प्लस और नैनो डीएपी पारंपरिक उर्वरकों की तुलना में अधिक प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल हैं। ये फसल की गुणवत्ता को बढ़ाने के साथ-साथ मिट्टी की उर्वरता को भी बनाए रखते हैं। डॉ. हरिश्चंद्र ने किसानों को बधाई देते हुए कहा कि वे इस नई तकनीक से जुड़कर कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास कर रहे हैं।
इस अवसर पर कोरडेट के विशेषज्ञ मुकेश तिवारी ने जैव उर्वरकों और जैव अपघटकों के उपयोग की विस्तृत जानकारी दी, जिससे किसान अधिक उपज और सतत खेती की दिशा में आगे बढ़ सकें। प्रशिक्षण प्रभारी सुमित तेवतिया ने संस्थान की गतिविधियों से प्रतिभागियों को अवगत कराते हुए नैनो यूरिया, नैनो डीएपी और जल विलेय उर्वरकों के महत्व पर प्रकाश डाला।
इस कार्यक्रम में प्रधान दयाराम बिंद, मिथिलेश बिंद, हरिश्चंद्र गौड़ सहित कुल 36 कृषक उपस्थित रहे, जिन्होंने इस नवाचार से जुड़े उपयोगी ज्ञान को प्राप्त किया। इफको के इस प्रशिक्षण अभियान का उद्देश्य आधुनिक कृषि तकनीकों को किसानों तक पहुंचाना और उनके जीवन में सुधार लाना है।
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