यूपी में लॉजिस्टिक्स को मिला नया बल: वेयरहाउसिंग नीति के तहत दो निवेशकों को मिली मंजूरी
यूपी में लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को बढ़ावा, दो निवेशकों को मिली मंजूरी, निवेश से रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग सेक्टर को मजबूती देने के उद्देश्य से गठित एम्पावर्ड कमेटी की पहली बैठक मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में आज लखनऊ में आयोजित की गई। इस बैठक में उत्तर प्रदेश वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स नीति-2022 के तहत दो निजी निवेश परियोजनाओं को हरी झंडी दी गई है, जिन्हें लेटर ऑफ कंफर्ट (एलओसी) जारी करने की अनुमति दी गई।
बैठक के दौरान ओडब्ल्यूएम लॉजीपार्क वाराणसी एलएलपी को 4.89 करोड़ रुपये और केएमआरए एसोसिएट्स एलएलपी, उन्नाव को 4.90 करोड़ रुपये की पूंजीगत सब्सिडी दिए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली। यह दोनों परियोजनाएं न केवल औद्योगिक विकास को गति देंगी, बल्कि वाराणसी और उन्नाव के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन में भी अहम भूमिका निभाएंगी।
यूपीसीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी ने जानकारी दी कि नीति के तहत अब तक कुल 20 कंपनियों को यूनिक आईडी जारी की गई है, जो प्रदेश में 1416 करोड़ रुपये के निवेश का संकेत है। इन परियोजनाओं पर कार्य प्रगति पर है, जिनमें से दो को फिलहाल एलओसी के लिए प्रस्तावित किया गया है।
प्रमुख परियोजनाओं की रूपरेखा : ओडब्ल्यूएम लॉजीपार्क वाराणसी एलएलपी ने वाराणसी के ग्राम बिहरा, तहसील राजातालाब में 33.29 करोड़ रुपये के निवेश से 8.94 एकड़ भूमि पर वेयरहाउसिंग सुविधा विकसित की है।
वहीं केएमआरए एसोसिएट्स एलएलपी ने उन्नाव के ग्राम रसूलपुर, तहसील हसनगंज में 44.58 करोड़ रुपये के निवेश से 12 एकड़ भूमि पर लॉजिस्टिक्स प्रोजेक्ट की स्थापना की है।
राज्य सरकार की नीति के अनुसार, पूंजीगत सब्सिडी के लिए न्यूनतम 1 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में कम-से-कम 20 करोड़ रुपये का निवेश आवश्यक है। पात्र निवेशकों को कुल निवेश का 15% (अधिकतम 5 करोड़ रुपये) की सब्सिडी दी जाती है। दोनों कंपनियों ने यह मापदंड सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
मुख्य सचिव ने कहा कि “प्रदेश को लॉजिस्टिक्स हब बनाने की दिशा में यह निर्णय मील का पत्थर साबित होगा। इससे न केवल पूंजी निवेश में वृद्धि होगी, बल्कि युवाओं के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी तैयार होंगे।”
बैठक में प्रमुख सचिव आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स अनुराग यादव, सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विजय किरण आनंद समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
यह नीति राज्य सरकार की उस दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत उत्तर प्रदेश को देश का लॉजिस्टिक्स गेटवे बनाने की योजना है।
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