इफको की किसान चौपाल में नैनो उर्वरकों की जानकारी, किसानों ने बताया क्रांतिकारी कदम
प्रयागराज में इफको ने किसान चौपाल के जरिए नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के लाभों की जानकारी दी।

कार्यक्रम में इफको फूलपुर इकाई प्रमुख संजय कुदेशिया ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि नैनो उर्वरक पारंपरिक उर्वरकों की तुलना में बेहद प्रभावी हैं। यह तकनीक कम मात्रा में उपयोग कर अधिक उत्पादन देती है और मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखती है। उन्होंने इस वर्ष धान की फसल पर इफको द्वारा ड्रोन से निःशुल्क छिड़काव की घोषणा की, जिससे किसानों में विशेष उत्साह देखा गया।
डॉ. हरिश्चंद्र, जो इस कार्यक्रम में प्रिंसिपल कोऑर्डिनेटर के रूप में उपस्थित थे, ने बताया कि नैनो उर्वरक पौधों द्वारा जल्दी अवशोषित होते हैं जिससे उनकी वृद्धि बेहतर होती है और फसल की गुणवत्ता में वृद्धि होती है। उन्होंने इसे कृषि क्षेत्र की बड़ी तकनीकी क्रांति करार दिया।
कार्यक्रम में जनसंपर्क अधिकारी स्वयं प्रकाश ने पारंपरिक दानेदार उर्वरकों के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उनसे मिट्टी की उर्वरता में गिरावट, जल प्रदूषण और लागत में वृद्धि जैसे गंभीर परिणाम सामने आते हैं। इसके विपरीत नैनो उर्वरक अधिक टिकाऊ और किफायती समाधान प्रस्तुत करते हैं।
ग्राम प्रधान विजय लक्ष्मी सिंह ने वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने की अपील की और इफको द्वारा किसानों के लिए की जा रही पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम ग्रामीण विकास में मील का पत्थर साबित होंगे।
कृषि क्षेत्र से जुड़े राजेश सिंह ने इफको की योजनाओं के बारे में विस्तार से बताते हुए किसानों को न केवल तकनीक अपनाने बल्कि जागरूक होने की भी सलाह दी। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में पारंपरिक खेती के साथ तकनीकी खेती का समन्वय ही किसानों की आय को दोगुना कर सकता है।
चौपाल में उपस्थित किसानों ने नैनो उर्वरकों में गहरी रुचि दिखाई और इस पहल को “कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम” बताया। किसान राम बहादुर सिंह, त्रिभुवन नाथ बिंद, भाई लाल यादव, शकुंतला देवी और शिवा गौंड सहित दर्जनों किसानों ने अपने अनुभव साझा किए और भविष्य में नैनो तकनीक अपनाने की इच्छा व्यक्त की।
कार्यक्रम का समापन संवाद और प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ, जिसमें किसानों ने न केवल अपनी शंकाएं दूर कीं बल्कि इफको से और अधिक तकनीकी सहयोग की अपेक्षा भी जताई।