दिव्यांगता पर आत्मबल की विजय: 93 लाभार्थियों को सहायता उपकरण वितरित
करछना में 93 दिव्यांगजनों को उपकरण वितरित, कार्यक्रम में आत्मबल की मिसाल बनीं प्रेरक बातें

(जैनुल आब्दीन)
प्रयागराज। शरीर की सीमाएं आत्मबल को नहीं रोक सकतीं — इस विचार को साकार करते हुए करछना विकास खंड परिसर में 13 मई को दिव्यांगजन सहायता उपकरण वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य शारीरिक रूप से दिव्यांगजनों को उनके दैनिक जीवन को सरल और सम्मानजनक बनाने में सहयोग देना था।
यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा संचालित कृत्रिम अंग/सहायता उपकरण योजनान्तर्गत आयोजित किया गया। कार्यक्रम में कुल 93 दिव्यांगजनों को विभिन्न उपकरण वितरित किए गए। इनमें शामिल थे:
72 ट्राईसाइकिल
6 एम.आर. किट
5 व्हील चेयर
10 स्मार्ट केन
14 जोड़ी वैशाखी
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक पीयूष रंजन निषाद (विधानसभा करछना) ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा, “व्यक्ति शारीरिक रूप से दिव्यांग हो सकता है, लेकिन यदि उसमें आत्मशक्ति और संकल्प है, तो वह किसी भी बाधा को पार कर सकता है। सरकार की यह पहल इस दिशा में एक सार्थक प्रयास है।”
विशिष्ट अतिथि श्रीमती सरोज द्विवेदी (प्रमुख, क्षेत्र पंचायत करछना) ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन केवल उपकरण वितरण तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह समाज में समावेशिता और समानता की दिशा में उठाया गया कदम है।
कार्यक्रम में उपस्थित अन्य प्रमुख जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों में शामिल रहे:
श्री कमलेश द्विवेदी (प्रमुख प्रतिनिधि)
अवतार किशन सिंह (प्रधान संघ अध्यक्ष)
अमित कुमार मिश्र (खंड विकास अधिकारी, करछना)
अशोक कुमार गौतम (जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी, प्रयागराज)
चन्द्रभान द्विवेदी (समन्वयक, बचपन डे केयर सेंटर)
संदीप कुमार शुक्ल, आशीष कुमार वर्मा, संजय यादव, शैलेन्द्र दूबे सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी
कार्यक्रम में भाग लेने वाले दिव्यांगजन व उनके परिजन इस सहयोग से अत्यंत प्रसन्न दिखे। लाभार्थियों ने सरकार और विभाग के प्रति आभार प्रकट किया और बताया कि इन उपकरणों से उनकी स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता में इज़ाफा होगा।
कार्यक्रम का उद्देश्य केवल सहायता पहुंचाना नहीं था, बल्कि समाज को यह संदेश देना था कि दिव्यांगता कमजोरी नहीं, बल्कि विशेषता है — और जब आत्मबल, संसाधन और समाज का सहयोग साथ हो, तो हर कठिनाई पार की जा सकती है।