मेडिकल कॉलेज में हाईटेक खून जांच मशीन से बढ़ी रफ्तार
अम्बेडकरनगर मेडिकल कॉलेज में हाईटेक खून जांच मशीन लगी, जिससे रिपोर्ट समय पर और मरीजों को तत्काल इलाज मिलेगा।

अम्बेडकरनगर: महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज अब तकनीक के मामले में एक कदम आगे बढ़ चुका है। कॉलेज के रक्त केंद्र में सोमवार को अत्याधुनिक केमीलूमिनेसेंस तकनीक पर आधारित खून जांच मशीन की शुरुआत की गई, जिससे खून की रिपोर्ट बनने में लगने वाला समय अब घंटों से घटकर कुछ ही घंटों में सिमट जाएगा।
इस मशीन के आने से अब मरीजों और डॉक्टरों को न तो लंबी फाइलों का इंतज़ार करना पड़ेगा, न ही हाथ से लिखी रिपोर्ट्स की जद्दोजहद झेलनी पड़ेगी। आधुनिक तकनीक अब तय करेगी कि कौन-सा रक्त सुरक्षित है और कौन-सा नहीं।
पुरानी प्रणाली में क्या थी समस्या?
अब तक जांच प्रक्रिया एलिसा टेस्ट या रैपिड कार्ड जैसी तकनीकों पर निर्भर थी, जो या तो सतही जानकारी देती थीं या फिर रिपोर्ट आने में अत्यधिक समय लगाती थीं। मरीजों को प्लेटलेट या अन्य ब्लड कंपोनेंट्स के लिए कई-कई घंटे इंतज़ार करना पड़ता था, खासकर डेंगू जैसे आपातकालीन हालातों में।
नई मशीन कैसे बदलेगी तस्वीर?
डॉक्टरों के अनुसार, केमीलूमिनेसेंस तकनीक न केवल पुराने संक्रमण की जांच करती है, बल्कि यह हालिया संक्रमण को भी पकड़ने में सक्षम है। इससे मरीजों को गलत रिपोर्ट या अधूरी जानकारी के आधार पर इलाज से बचाया जा सकेगा। अब रक्तदान के बाद 3 से 4 घंटे में रिपोर्ट तैयार हो जाएगी, जिससे तुरंत इलाज की दिशा में कदम बढ़ सकेंगे।
आपातकाल में ‘उपहार’ साबित होगी यह तकनीक
कॉलेज प्रशासन ने इसे डेंगू और मलेरिया जैसी मौसमी बीमारियों के लिए “गिफ्ट ऑफ टाइम” बताया है। उन्होंने कहा कि जब प्लेटलेट की मांग सबसे ज़्यादा होती है, उस वक्त रिपोर्ट में देरी मरीज की जान पर भारी पड़ती है। अब ऐसी स्थिति नहीं आएगी।
उद्घाटन अवसर पर शामिल अधिकारी:
इस हाईटेक मशीन का शुभारंभ कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. मुकेश यादव ने किया। साथ में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अमित पटेल और रक्त केंद्र प्रभारी डॉ. मनोज कुमार गुप्ता भी उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि अब मेडिकल कॉलेज का पैथोलॉजी विभाग तकनीक से लैस हो चुका है और यह बदलाव केवल मशीन नहीं, सोच और सेवा दोनों का विस्तार है।
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