शिलांग में संपन्न हुआ ‘आसियान-भारत आर्टिस्ट कैंप’, रामायण थीम पर हुई सांस्कृतिक अभिव्यक्ति

शिलांग में आसियान-भारत आर्टिस्ट कैंप का समापन, रामायण थीम पर आधारित कला ने भारत-आसियान संबंधों को जोड़ा।

शिलांग में संपन्न हुआ ‘आसियान-भारत आर्टिस्ट कैंप’, रामायण थीम पर हुई सांस्कृतिक अभिव्यक्ति
रामायण थीम पर हुई सांस्कृतिक अभिव्यक्ति

(शाश्वत तिवारी)

शिलांग। भारत और आसियान सदस्य देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘आसियान-भारत आर्टिस्ट कैंप’ का तीसरा संस्करण सोमवार को शिलांग में संपन्न हुआ। इस बार शिविर की थीम रही — ‘रामायण की प्रतिध्वनियां: आसियान और भारत में कलात्मक यात्राएं’, जिसे सहर संस्था के सहयोग से आयोजित किया गया।

???? दिल्ली से शिलांग तक फैला आयोजन
शिविर की शुरुआत 29 मार्च को नई दिल्ली से हुई थी, जबकि इसका मुख्य सत्र 1 से 7 अप्रैल के बीच शिलांग में चला। इस आयोजन में 21 विजुअल आर्टिस्ट्स ने भाग लिया, जिनमें भारत, आसियान देशों और तिमोर-लेस्ते के कलाकार शामिल रहे।

कलाकारों ने न केवल अपने चित्र और शिल्प प्रस्तुत किए बल्कि कार्यशालाओं, व्याख्यानों और छात्रों के साथ संवाद सत्रों के माध्यम से भी जुड़ाव कायम किया। उनके द्वारा बनाई गई कलाकृतियां अब नई दिल्ली और मलेशिया में भी प्रदर्शित की जाएंगी।

???? एक्ट ईस्ट नीति और सांस्कृतिक कूटनीति
विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह आयोजन भारत की ‘एक्ट ईस्ट नीति’ के दस वर्ष पूरे होने और वर्ष 2025 को ‘भारत-आसियान पर्यटन वर्ष’ घोषित करने के अवसर पर आयोजित किया गया। यह शिविर इस रणनीति का सांस्कृतिक विस्तार है।

????️ मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा का संबोधन
विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने समापन समारोह में कहा कि यह शिविर भारत और आसियान देशों के साझा मूल्यों और कलात्मक परंपराओं को दर्शाता है। उन्होंने कहा,

“कला में असली ताकत है, यह सीमाएं तोड़कर दिलों को जोड़ती है। इस प्रयास के जरिए हम अपने संबंधों की नींव को और मजबूत कर रहे हैं।”