भारत-भूटान जलविद्युत परियोजना की यूनिट-3 हुई चालू
भारत-भूटान जलविद्युत सहयोग को बढ़ावा, पुनात्सांगछू-II परियोजना की यूनिट-3 (170 मेगावाट) हुई चालू, भूटान की बिजली उत्पादन क्षमता में 40% की वृद्धि।

थिम्पू। भारत के सहयोग से भूटान में जारी 1020 मेगावाट पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना की यूनिट-3 (170 मेगावाट) को सफलतापूर्वक पावर ग्रिड से जोड़ दिया गया है। इस उपलब्धि के साथ भारत और भूटान के बीच ऊर्जा सहयोग को और मजबूती मिली है।
बुधवार को परियोजना स्थल पर आयोजित एक समारोह में भूटान में भारत के राजदूत सुधाकर दलेला, भूटान के ऊर्जा एवं प्राकृतिक संसाधन मंत्री ल्योनपो जेम छेरिंग, और मंत्रालय के सचिव दाशो कर्मा छेरिंग शामिल हुए। इससे पहले, दिसंबर 2024 में पुनात्सांगछू-II परियोजना की यूनिट-1 और 2 (प्रत्येक 170 मेगावाट) को भी चालू किया गया था।
भारत-भूटान जलविद्युत सहयोग का विस्तार
भारतीय दूतावास के अनुसार, भारत और भूटान के बीच जलविद्युत क्षेत्र में लंबे समय से मजबूत सहयोग रहा है। अब तक चार प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं में भारत ने भागीदारी की है—
336 मेगावाट की चुखा एचईपी
60 मेगावाट की कुरिचू एचईपी
1020 मेगावाट की ताला एचईपी
720 मेगावाट की मंगदेछु एचईपी
अब पुनात्सांगछू-II परियोजना को पूरी तरह चालू करने की दिशा में कार्य तेजी से चल रहा है। इसके पूरा होने पर भूटान की स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता में लगभग 40% की वृद्धि होगी, जिससे देश की आर्थिक वृद्धि और सतत विकास को मजबूती मिलेगी।
स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ता सहयोग
मार्च 2024 में भारत-भूटान ऊर्जा साझेदारी पर संयुक्त विजन दस्तावेज़ जारी किया गया था, जिसमें दोनों देशों ने नई ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा सहयोग को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की थी।
इस परियोजना के माध्यम से भूटान को ऊर्जा आत्मनिर्भरता मिलेगी और भारत को हरित ऊर्जा आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिलेगी। दोनों देश नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अपनी साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत हैं।
(शाश्वत तिवारी)