डॉ. अनुशील मुंशी ने वियना में बढ़ाया भारत का मान, सेंट गैलेन कॉन्फ्रेंस में रखी नई सोच

डॉ. अनुशील मुंशी ने वियना में ब्रेस्ट कैंसर कॉन्फ्रेंस में भारत का प्रतिनिधित्व कर विशेषज्ञता का लोहा मनवाया।

डॉ. अनुशील मुंशी ने वियना में बढ़ाया भारत का मान, सेंट गैलेन कॉन्फ्रेंस में रखी नई सोच
डॉ. अनुशील मुंशी ने वियना में बढ़ाया भारत का मान,

(आर.एल.पाण्डेय)

नोएडा। फोर्टिस अस्पताल नोएडा के वरिष्ठ रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट और विभाग निदेशक डॉ. अनुशील मुंशी ने एक बार फिर भारत की चिकित्सीय विशेषज्ञता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया है। उन्हें हाल ही में वियना में आयोजित प्रतिष्ठित सेंट गैलेन इंटरनेशनल ब्रेस्ट कैंसर कॉन्फ्रेंस में आमंत्रित किया गया, जहाँ वे भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले एकमात्र विशेषज्ञ थे।

यह सम्मेलन दुनिया भर के कैंसर विशेषज्ञों का एक प्रमुख मंच है, जहां स्तन कैंसर के इलाज को लेकर वैश्विक मानदंडों और नई गाइडलाइंस पर चर्चा होती है। डॉ. मुंशी की भागीदारी न सिर्फ उनके व्यक्तिगत योगदान को पहचानती है, बल्कि यह भारत में कैंसर उपचार की प्रगति और गुणवत्ता को भी उजागर करती है।

कॉन्फ्रेंस में डॉ. मुंशी ने ऐक्ज़िलरी रेडिएशन थेरेपी पर एक अहम व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने इस थेरेपी की बढ़ती भूमिका और उसकी प्रभावशीलता पर चर्चा की। यह थेरेपी विशेष रूप से उन स्तन कैंसर मरीजों के लिए कारगर होती है जिनमें कैंसर लिम्फ नोड्स तक फैल चुका होता है। उन्होंने मरीजों की क्वालिटी ऑफ लाइफ बेहतर करने के लिए रेडिएशन तकनीकों को और उन्नत बनाने की जरूरत पर बल दिया।

डॉ. मुंशी ने यह भी बताया कि कीमोथेरेपी ले चुके मरीजों में रेडिएशन से होने वाले दुष्प्रभावों को कैसे कम किया जा सकता है। उन्होंने ऐसी रणनीतियों की जानकारी दी, जो विश्व स्तर पर इलाज की दिशा को प्रभावित कर सकती हैं।

सम्मेलन में उनकी भूमिका सिर्फ एक वक्ता तक सीमित नहीं थी—वे सेंट गैलेन कंसेंसस वोटिंग पैनल का भी हिस्सा रहे। यह पैनल स्तन कैंसर के इलाज के वैश्विक दिशानिर्देशों को तय करता है, और इसमें शामिल होना चिकित्सकीय क्षेत्र में अत्यंत गौरव का विषय माना जाता है।

डॉ. मुंशी ने कहा, "सेंट गैलेन जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए गर्व और जिम्मेदारी दोनों है। यहां हुई चर्चाएं न केवल इलाज की दिशा को नया आयाम देंगी, बल्कि विश्वभर के मरीजों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।"

उनकी यह उपलब्धि यह दर्शाती है कि भारत के चिकित्सा विशेषज्ञ अब केवल घरेलू जरूरतों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वैश्विक निर्णय प्रक्रिया में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। कैंसर जैसे जटिल रोग के इलाज में भारत की भूमिका लगातार मज़बूत हो रही है, और डॉ. अनुशील मुंशी जैसे विशेषज्ञ इसमें अग्रणी स्थान रखते हैं।