कानपुर: मूत्राशय ट्यूमर हटाकर डॉक्टरों ने किया नियोब्लैडर का निर्माण
कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने 28 वर्षीय मरीज का मूत्राशय ट्यूमर हटाकर नियोब्लैडर का निर्माण किया। यह जटिल सर्जरी डॉक्टरों की कुशलता और समर्पण का प्रतीक है।
कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने एक जटिल सर्जरी कर 28 वर्षीय मरीज को नया जीवन दिया है। डॉक्टरों की टीम ने मरीज का पूरा मूत्राशय हटाकर एक नया मूत्राशय (नियोब्लैडर) बनाया। मरीज के मूत्राशय में 15×15 सेमी का बड़ा ट्यूमर था, जो दोनों मूत्रवाहिनियों (यूरेटर्स) को बाधित कर रहा था।
मूत्राशय ट्यूमर के कारण बढ़ी थी परेशानी
मरीज को पेशाब में कठिनाई, पतली धार और खून आने जैसी समस्याएं हो रही थीं। पहले उनका इलाज एक निजी अस्पताल में हुआ, जहां ट्यूमर का पता चला। बाद में उन्होंने लाला लाजपत राय हॉस्पिटल के यूरोलॉजी विभाग के डॉ. अनिल जे. बैद से संपर्क किया।
जांच में पाया गया कि ट्यूमर मूत्राशय में पूरी तरह फैल चुका था और इसे हटाने के लिए जटिल सर्जरी की आवश्यकता थी।
6 जनवरी को हुई जटिल सर्जरी
6 जनवरी 2025 को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संजय कला के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने यह सर्जरी सफलतापूर्वक की। इस दौरान मरीज का मूत्राशय और ट्यूमर को दूरबीनविधि से निकालने के बाद पिचर्स पॉट विधि से छोटी आंत के एक हिस्से से नियोब्लैडर का निर्माण किया गया।
सर्जरी टीम में शामिल डॉक्टर:
डॉ. अनिल जे. बैद (सहायक प्रोफेसर, यूरोलॉजी)
डॉ. अभिषेक गोंड (एसोसिएट प्रोफेसर, जनरल सर्जरी)
जूनियर डॉक्टर: डॉ. मोहम्मद साकिब अली, डॉ. पवनी वात्सल, डॉ. गीता और डॉ. दुर्गेश
एनेस्थीसिया टीम की अहम भूमिका
सर्जरी के दौरान एनेस्थीसिया टीम ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीम का नेतृत्व डॉ. रचना (एमडी) ने किया। वरिष्ठ रेजिडेंट्स डॉ. मीनाक्षी, डॉ. कृष्णा और डॉ. शिखा ने भी सहयोग दिया।
मरीज की स्थिति अब स्थिर
सर्जरी के बाद मरीज की स्थिति काफी बेहतर है। डॉक्टरों ने बताया कि यह सर्जरी बेहद चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन इसे पूरी तरह सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।
यह उपलब्धि जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की उन्नत चिकित्सा विशेषज्ञता और जटिल मामलों को संभालने की क्षमता का प्रमाण है।
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