ईद उल फितर पर मीडिया कर्मियों ने एक-दूसरे को दी मुबारकबाद
कानपुर में ईद उल फितर पर मीडिया कर्मियों ने शुभकामनाएं दीं, सामाजिक सौहार्द और संवाद बढ़ाने पर ज़ोर दिया।

(संजय शुक्ला)
कानपुर। ईद उल फितर के पाक मौके पर शहर के मीडिया प्रतिनिधियों ने एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी और इस पर्व के मूल संदेश—भाईचारा, सहिष्णुता और सामाजिक एकता—को दोहराया। इस मौके पर सभी ने देश की गंगा-जमुनी तहज़ीब को और भी मजबूत करने का संकल्प लिया।
जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द, कानपुर की ओर से आयोजित इस मिलन समारोह में विभिन्न मीडिया संस्थानों से जुड़े पत्रकारों, फोटोजर्नलिस्ट्स और संपादकों ने शिरकत की। संस्था ने इस अवसर पर सभी को ईद की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि रमज़ानुल मुबारक के पूरे एक माह की इबादत और रोजों के बाद अल्लाह तआला की तरफ से ईद का तोहफा एक आत्मिक इनाम है।
संस्था के प्रतिनिधियों ने कहा कि ईद केवल एक मजहबी त्योहार नहीं, बल्कि यह दिलों को जोड़ने और नफ़रत के अंधेरों में रोशनी की लौ जलाने का त्योहार है। यह पर्व समाज में संवाद, परस्पर सम्मान और समरसता का प्रतीक है।
इस अवसर पर वक्ताओं ने चिंता जताई कि कुछ समय से देश में कुछ ऐसे घटनाक्रम देखने को मिल रहे हैं, जहां धार्मिक आधार पर नफरत, भेदभाव और असहिष्णुता को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह प्रवृत्तियां भारत की विविधता और सहिष्णुता की संस्कृति के लिए घातक हैं।
मीडिया कर्मियों ने इस बात पर जोर दिया कि पत्रकारिता का मूल उद्देश्य समाज में सकारात्मक सोच और सामाजिक सामंजस्य को बढ़ावा देना है। इसलिए मीडिया को न केवल सच्चाई सामने लानी चाहिए, बल्कि समाज को जोड़ने की भूमिका भी निभानी चाहिए।
जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द कानपुर ने मीडिया के माध्यम से शहरवासियों को यह संदेश दिया कि हमें मिलकर ईद जैसे पर्वों की भावना को फिर से जीवंत करना है, ताकि सभी धर्मों और समुदायों के बीच पारस्परिक विश्वास और सौहार्द बना रहे।
कार्यक्रम का समापन पारंपरिक ईद मुबारक के आदान-प्रदान के साथ हुआ, जिसमें लोगों ने गले मिलकर त्योहार की खुशियां साझा कीं और समाज में सकारात्मकता फैलाने का संकल्प लिया।