बाबा पिपलेश्वर शिव धाम में सत्यमेव जयते हवन और साधु-संतों का भव्य सम्मान समारोह संपन्न

कानपुर के बाबा पिपलेश्वर शिवधाम में सत्यमेव जयते हवन और साधु-संतों का सम्मान, जिलाधिकारी ने भी लिया भाग

बाबा पिपलेश्वर शिव धाम में सत्यमेव जयते हवन और साधु-संतों का भव्य सम्मान समारोह संपन्न
बाबा पिपलेश्वर शिव धाम

कानपुर। बाबा पिपलेश्वर शिव धाम मंदिर में एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक वातावरण के बीच गोल्डन बाबा स्वामी मनोजानंद महाराज के संयोजन में ‘सत्यमेव जयते हवन’ और ‘सत्य सम्मान समारोह’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से पधारे सैकड़ों साधु-संतों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।

कार्यक्रम की शुरुआत गोल्डन बाबा द्वारा आए हुए संतों के स्वागत और अभिनंदन के साथ हुई। इसके उपरांत विश्व कल्याण की कामना हेतु विधि-विधान से सामूहिक हवन का आयोजन किया गया। क्षेत्रवासियों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लेते हुए हवन में आहुतियाँ अर्पित कीं।

इस भव्य आयोजन में कानपुर के जिलाधिकारी श्री जितेंद्र प्रताप सिंह ने भी भाग लेकर श्रद्धा और भक्ति का परिचय दिया। उनके मंदिर पहुंचने पर गोल्डन बाबा और उपस्थित संत समाज ने उनका उल्लेखनीय स्वागत किया। इस दौरान स्वामी मनोजानंद महाराज की सुपुत्री द्वारा जिलाधिकारी को लड्डू गोपाल की मूर्ति स्मृति चिन्ह स्वरूप भेंट की गई। इस भावपूर्ण क्षण में जिलाधिकारी visibly moved हो गए और इस आयोजन की सार्वजनिक रूप से सराहना की।

उन्होंने कहा, "इस प्रकार के धार्मिक आयोजन समाज में सकारात्मक ऊर्जा, भाईचारे और विश्व कल्याण की भावना को प्रोत्साहित करते हैं। मैं बाबा जी को और समस्त संत समाज को इस अद्भुत आयोजन के लिए बधाई देता हूं। यह निश्चित रूप से कानपुर की समृद्धि और आध्यात्मिक जागृति में सहायक होगा।"

कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी ने सभी संतों से आशीर्वाद प्राप्त कर शहर के विकास और समृद्धि की मंगलकामना की। आयोजन में शामिल स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों ने इस आध्यात्मिक माहौल को श्रद्धापूर्वक अनुभव किया।

ज्ञात हो कि स्वामी मनोजानंद महाराज पूर्व में एक प्रशासनिक मुद्दे पर जिलाधिकारी के समर्थन में सैकड़ों व्यापारियों और साधु-संतों के साथ मंडलायुक्त कार्यालय में ज्ञापन सौंप चुके हैं, जिसके बाद मुख्य चिकित्साधिकारी का निलंबन हुआ था।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से संत प्रशासन के प्रतिनिधि, दंडी आश्रम के स्वामी जितेंद्र स्वामी, सुषमा सेंगर, कनकलता गौर, शेषनाग त्रिवेदी, पप्पू भैया, डॉ. उमाशंकर सिंह सहित शहर के अनेक श्रद्धालु, भक्तगण व सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

यह आयोजन न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान था, बल्कि यह सामाजिक एकता और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक बनकर उभरा, जिसमें धर्म, प्रशासन और समाज की त्रिवेणी देखने को मिली।