महिला सुरक्षा कानून/अधिनियम एवं प्रावधानों पर नारी संघ लीडर का एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन

विशाल त्रिपाठी
प्रतापगढ़। लोकप्रिय जनहित सेवा संस्थान द्वारा संचालित ग्रामीण महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के अंतर्गत महिला सुरक्षा कानून/अधिनियम एवं प्रावधानों पर नारी संघ लीडर का एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन लालगंज में नारी संघ कार्यालय स्थित लोक सेवा केंद्र आयोजित किया गया जिसमे इस दौरान प्रशिक्षक निरंजन प्रकाश तिवारी निदेशक/ पीएलवी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रतापगढ़ ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओ को भारतीय दण्ड संहिता में वर्णित महिलाओं के विरूद्ध अपराध से सम्बंधित प्रावधान, महिलाओं के संपत्ती के अधिकार ,दहेज प्रतिषेध अधिनियम, पोक्सों अधिनियम, 2012 के अन्तर्गत मीडिया के दायित्व, गर्भ का चिकित्सीय समापन अधिनियम, 1971 के प्रावधानों एवं उक्त अधिनियम के सम्बंध में मा० उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेशों दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 में महिलाओं के अधिकार एवं ” महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों के साथ-साथ घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 के अर्न्तगत महिलाओं के अधिकार के सम्बंध में जानकारी देते हुए विस्तार से बताया कि किसी भी महिला को एक तय समय के बाद गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है.
दरअसल, भारतीय नागरिक प्रक्रिया संहिता के अनुसार अगर किसी महिला आरोपी को सूर्यास्त यानी शाम 6 बजे के बाद या सूर्योदय यानि सुबह 6 बजे से पहले गिरफ्तार किया जाता है तो वह कानून के खिलाफ है. धारा 160 के अनुसार अगर किसी महिला से पूछताछ भी करनी है तो उसके लिए एक महिला कांस्टेबल या उस महिला के परिवार के सदस्यों की मौजूदगी होना जरूरी है उन्होंने आगे बताया कि अगर किसी महिला का उसके दफ्तर में या किसी भी कार्यस्थल पर शारीरिक उत्पीड़न या यौन उत्पीड़न किया जाता है तो उत्पीड़न करने वाले आरोपी के खिलाफ महिला शिकायत दर्ज करा सकती है.
यौन उत्पीड़न अधिनियम के तहत महिलाओं को कार्यस्थल पर होने वाली शारीरिक उत्पीड़न या यौन उत्पीड़न से सुरक्षा मिलती है प्रशिक्षण के आगे सत्र में बताया की महिलाओ को घरेलू हिंसा के खिलाफ अधिकार प्रदत्त किया गया है जिसमे ये अधिनियम मुख्य रूप से पति, पुरुष, लिव इन पार्टनर या रिश्तेदारों द्वारा एक पत्नी, एक महिला, लिव इन पार्टनर या फिर घर में रह रही किसी भी महिला जैसे मां या बहन पर की गई घरेलू हिंसा से सुरक्षा करने के लिए बनाया गया है उन्होंने उपस्थित लोगों को प्रेरित किया कि आप स्वंम या आपकी ओर से कोई भी शिकायत दर्ज करा सकता है
उन्होंने मातृत्व संबंधी लाभ का अधिकार के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि मातृत्व लाभ कामकाजी महिलाओं के लिए सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि ये उनका अधिकार है. मातृत्व लाभ अधिनियम के तहत एक नई मां के प्रसव के बाद 6 महीने तक महिला के वेतन में कोई कटौती नहीं की जाती और वो फिर से काम शुरू कर सकती हैं. यह कानून हर सरकारी और गैर सरकारी कंपनी पर लागू होता है. इसमें कहा गया है कि एक महिला कर्मचारी जिसने एक कंपनी में प्रेग्नेंसी से पहले 12 महीनों के दौरान कम से कम 80 दिनों तक काम किया है, वह मैटरनिटी बेनेफिट पाने की हकदार है. जिसमें मैटरनिटी लीव, नर्सिंग ब्रेक, चिकित्सा भत्ता आदि शामिल हैं सत्र को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1976 के अंतर्गत इस अधियनियम के तहत एक ही तरह के काम के लिए महिला और पुरुष दोनों को मेहनताना भी एक जैसा ही मिलना चाहिए. यानी यह पुरुषों और महिला श्रमिकों को समान पारिश्रमिक के भुगतान का प्रावधान करता है
उन्होंने बताया कि पहचान की रक्षा का अधिकार भी महिलाओ को प्राप्त है अगर कोई महिला जो यौन उत्पीड़न का शिकार हुई है. उस महिला की पहचान की रक्षा करने के लिए अधिकार भारतीय दंड संहिता की धारा- 228 (ए) बनाई गई है. इसके तहत महिला सिर्फ अकेले में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के सामने ही अपना बयान दर्ज करा सकती है। इसके अलावा अगर कोई महिला पुलिस अधिकारी है तो यौन उत्पीड़न की शिकार हुई महिला उनके सामने भी अपना बयान दे सकती है
उन्होंने आगे बताया कि महिलाओ को दहेज के खिलाफ अधिकार भी प्राप्त है जो शादी के समय या उसके बाद लड़के के परिवार वाले या लड़का खुद दहेज की मांग करता है तो लड़की के परिवार वालों को मजबूरी में दहेज देने की जरूरत नहीं है हर महिला को यह अधिकार है कि वह इसकी शिकायत कर सकती है. IPC के Section 304B और 498A, के तहत दहेज का आदान-प्रदान और इससे जुड़े उत्पीड़न को गैर-कानूनी व अपराधिक करार दिया गया है. उन्होंने आगे बताया कि महिलाएं काफी प्रगति कर रही हैं और वो आगे बढ़ना चाहती हैं, लेकिन कई महिलाएं ऐसी हैं जो अधिकारों की जानकारी के अभाव में वो पीछे रह जाती हैं उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त ले रही नारी संघ की लीडर से ज्ञान और जानकारी को एनी लोगो के बीच शेयर करने के वायदा लिया ! प्रशिक्षण के दौरान नारी संघ की 35 लीडर और मौके पर अखिलेश , मीना , आशा , सरिता और अजय कुमार वर्मा मौजूद रहे