इस्कॉन की गीता प्रतियोगिता में विजयी छात्रों का महापौर ने किया सम्मान
इस्कॉन कानपुर की गीता प्रतियोगिता में विजयी छात्रों को महापौर प्रमिला पांडे ने सम्मानित किया, मिला आध्यात्मिक संदेश

इस वर्ष प्रतियोगिता में कानपुर के 40 से अधिक स्कूलों के 3000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। श्रीमद्भगवद्गीता के सिद्धांतों को आत्मसात कर छात्रों ने उच्च स्तरीय प्रदर्शन किया, जिनमें से 45 छात्रों को विशेष रूप से चयनित कर सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि मेयर प्रमिला पांडे ने बांटे पुरस्कार : कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कानपुर की महापौर श्रीमती प्रमिला पांडे ने शिरकत की। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा,
"भगवद्गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन को दिशा देने वाला अमूल्य ज्ञान है। इससे बच्चों में नैतिकता, अनुशासन और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है।"
उन्होंने यह भी साझा किया कि वे स्वयं प्रतिदिन अपने दिन की शुरुआत गीता पाठ से करती हैं और सभी अभिभावकों को भी अपने बच्चों को इसका अध्ययन करवाने का सुझाव दिया।
विजेताओं को मिले प्रेरणादायक पुरस्कार
प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने वाले छात्रों –
अक्षिता सिंह (बीएनएसडी शिक्षा निकेतन)
अलीना कटियार (चिन्टल्स स्कूल, रतनलाल नगर)
को साइकिल पुरस्कार स्वरूप प्रदान की गई।
द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र –
अवनीश मौर्य (सनातन धर्म एजुकेशन सेंटर)
अरनव सिंह (पं. दीनदयाल उपाध्याय विद्यालय)
यशिका सिंह (चिन्टल्स स्कूल, रतनलाल नगर)
को स्मार्ट वॉच से सम्मानित किया गया।
इसके अलावा अन्य 45 छात्रों को प्रमाण पत्र, टी-शर्ट्स, वॉटर बॉटल्स आदि पुरस्कार दिए गए। कार्यक्रम के लिए बोरोप्लस और ड्यूक ने टी-शर्ट्स प्रायोजित किए।
आध्यात्मिक संदेश और सीएसआर योगदान : कार्यक्रम में इस्कॉन कानपुर के मंदिर अध्यक्ष प्रेम हरिनाम प्रभु ने छात्रों को नियमित गीता अध्ययन से मानसिक शांति और जीवन के स्पष्ट उद्देश्य की प्राप्ति का मार्ग बताया।
प्रतियोगिता निर्देशक चंदन प्रभु ने बताया कि यह आयोजन हर वर्ष किया जाता है, ताकि युवा पीढ़ी में आध्यात्मिक चेतना और वैदिक मूल्यों का बीजारोपण हो सके।
इस आयोजन में गणेश इकोस्फीयर लिमिटेड के शरद शर्मा का सीएसआर के अंतर्गत महत्वपूर्ण सहयोग रहा।
समापन में श्रद्धा और सराहना : कार्यक्रम के समापन पर उपस्थित अभिभावकों, शिक्षकों और छात्रों ने इस आयोजन की खुले दिल से सराहना की। निःसंदेह, ऐसे आयोजनों के माध्यम से नयी पीढ़ी को आध्यात्मिक मूल्यों से जोड़ने का प्रयास समाज में सकारात्मक ऊर्जा और नई दिशा देता है।