टैप और माइक्रोसॉफ्ट ने पेश की एआई क्रांति

उत्तर प्रदेश में टैप और माइक्रोसॉफ्ट ने मिलकर छात्रों को एआई और नवाचार आधारित शिक्षा से जोड़ा, 1.5 लाख होंगे लाभान्वित।

टैप और माइक्रोसॉफ्ट ने पेश की एआई क्रांति
टैप और माइक्रोसॉफ्ट ने पेश की एआई क्रांति

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में छात्रों को भविष्य की शिक्षा से जोड़ते हुए एक नई पहल का साक्षी बना ‘उत्सव 2025’, जिसे द अप्रेंटिस प्रोजेक्ट (टैप) ने माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के सहयोग से आयोजित किया। यह कार्यक्रम न सिर्फ छात्रों के एआई-आधारित नवाचारों को मंच देने वाला था, बल्कि अनुभवात्मक और समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने वाली राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का भी प्रतीक बना।

कार्यक्रम में लखनऊ और वाराणसी के 10,000 से अधिक सरकारी स्कूल छात्रों द्वारा टैप बडी चैटबॉट के माध्यम से सीखे गए कोडिंग, स्टेम और वित्तीय साक्षरता जैसे विषयों पर तैयार किए गए नवाचारों को प्रदर्शित किया गया। 50 उत्कृष्ट छात्र परियोजनाओं को राज्य अधिकारियों, शिक्षकों और माइक्रोसॉफ्ट प्रतिनिधियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि विष्णुकांत पांडे (एसपीडी, माध्यमिक शिक्षा विभाग) और श्री राजकुमार (गुणवत्ता प्रकोष्ठ प्रमुख, रमसा) ने टैप की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे प्लेटफॉर्म छात्रों में रचनात्मकता और तकनीकी दक्षता दोनों को प्रोत्साहित करते हैं। माइक्रोसॉफ्ट से गुंजन पटेल (डायरेक्टर, AI स्किल्स) ने वर्चुअल रूप से जुड़ते हुए कहा, “एआई केवल भविष्य नहीं, यह वर्तमान है। शिक्षकों और छात्रों दोनों को इसके लिए तैयार होना चाहिए।”

एआई और मातृभाषा में सीखने की ताकत
टैप बडी, GPT-3.5 तकनीक पर आधारित एक इंटेलिजेंट चैटबॉट है जो छात्रों को उनकी गति और समझ के अनुसार कोडिंग, विज्ञान, कला और वित्तीय साक्षरता में प्रशिक्षण देता है। भारत सरकार के ‘भाषिणी’ प्लेटफॉर्म के सहयोग से यह हिंदी सहित कई भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे शिक्षा अधिक समावेशी बन जाती है।

भविष्य की तैयारी के लिए डेटा-संचालित मूल्यांकन
टैप एक एआई-संचालित मूल्यांकन प्रणाली भी पेश कर रहा है जो छात्रों की परियोजनाओं का विश्लेषण कर उनकी संज्ञानात्मक क्षमताओं और समस्या समाधान कौशल को ट्रैक करेगा। इस स्वचालित फीडबैक सिस्टम से छात्रों को व्यक्तिगत सुधार की दिशा में मार्गदर्शन मिलेगा।

2025-26 में टैप और माइक्रोसॉफ्ट उत्तर प्रदेश के 17 जिलों में 5,000 शिक्षकों और 1.5 लाख से अधिक छात्रों तक यह कार्यक्रम पहुंचाएंगे। टैप की सह-संस्थापक मोनिका पेसवानी ने कहा, “हम बच्चों को केवल तकनीक नहीं, सोचने का एक नया तरीका सिखा रहे हैं जो उन्हें भविष्य के लिए तैयार करेगा।”