मध्य प्रदेश में मजबूत होती अपनी पहचान: अपना दल (एस) का तेजी से बढ़ता संगठन
अपना दल (एस) मध्य प्रदेश में संगठन विस्तार और सदस्यता अभियान के जरिए तेजी से राजनीतिक मजबूती हासिल कर रहा है।

(आर एल पाण्डेय)
इस बैठक का नेतृत्व राजनीतिक रणनीतिकार अतुल मलिकराम ने किया। कार्यक्रम में पार्टी के सभी जिला अध्यक्षों, प्रदेश पदाधिकारियों और सैकड़ों समर्पित कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय महासचिव (युवा मंच) डॉ. अखिलेश पटेल की मौजूदगी ने कार्यक्रम को विशेष महत्व प्रदान किया।
बैठक के दौरान सैकड़ों नए सदस्यों को पार्टी से जोड़ा गया, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिला कि पार्टी अब जमीन स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत कर रही है। साथ ही, उन वरिष्ठ नेताओं को सम्मानित किया गया, जिन्होंने पार्टी को राज्य में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
डॉ. अखिलेश पटेल ने अपने संबोधन में कहा, "हमारा सदस्यता अभियान केवल संख्या बढ़ाने का माध्यम नहीं, बल्कि विचारधारा का विस्तार है। यह अभियान हमें हर घर, हर गली तक अपनी बात पहुँचाने का मौका देता है। आज का दिन मेरे लिए खास है क्योंकि मुझे लगता है जैसे डॉ. सोनेलाल पटेल जी का आशीर्वाद हमारे साथ है। हम उनकी सोच और संघर्ष को साकार करने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़े हैं।"
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी का उद्देश्य केवल विस्तार नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों—विशेषकर ओबीसी के लिए 27% आरक्षण—को जन-जन तक पहुँचाना है। राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व में यह लक्ष्य जल्द साकार होगा।
अतुल मलिकराम ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, "अब समय आ गया है कि हम जनता के बीच जाएं, जनसंपर्क को सशक्त करें और पार्टी को गाँव-गाँव तक पहुँचाएं। संगठन तभी मज़बूत होगा जब हम जनता के दिलों में जगह बनाएंगे।"
बैठक में बड़ी संख्या में वरिष्ठ और जिला स्तरीय पदाधिकारी शामिल हुए, जिनमें प्रमुख नाम हैं — अर्जुन सिंह पटेल, धीरेन्द्र सिंह बघेल, मान सिंह बिसेन, मीना गुप्ता, आर. के. सनोड़िया, अनिल सोनी, वंदना नामदेव, मुस्कान सिंह, और डॉ. सुभाष रायकवार। यह भागीदारी दर्शाती है कि पार्टी में न केवल नेतृत्व स्तर पर सक्रियता है, बल्कि कार्यकर्ताओं का समर्थन भी गहरा है।
हाल ही में प्रदेशभर में अंबेडकर जयंती के अवसर पर पार्टी द्वारा आयोजित समारोहों ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि अपना दल (एस) अब एक मात्र “उत्तर प्रदेश की पार्टी” नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय सोच और सामाजिक सरोकार रखने वाला संगठन बन चुका है।
इस सदस्यता अभियान के माध्यम से पार्टी न केवल प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है, बल्कि यह भी संकेत दे रही है कि आगामी चुनावों में वह एक निर्णायक भूमिका निभाने के लिए तैयार है।