"शांति के दीप: पहलगाम हिंसा पर शिक्षकों की सामूहिक अभिव्यक्ति"
अम्बेडकर नगर में शिक्षकों ने पहलगाम हिंसा के विरोध में एकजुट होकर कैंडल मार्च निकाल भावभीनी श्रद्धांजलि दी

अम्बेडकर नगर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुई हिंसात्मक घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस घटना की गूंज अब उत्तर प्रदेश तक पहुंच चुकी है। इसी क्रम में अंबेडकर नगर जनपद में जूनियर हाई स्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ के तत्वावधान में एक भावनात्मक और एकजुटता से भरा कैंडल मार्च आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की अगुवाई सुतीक्ष्ण पाण्डेय ने की, जबकि जिले भर के शिक्षक संगठनों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों ने एकजुट होकर इस आयोजन को समर्थन दिया। शिक्षकों ने हाथों में मोमबत्तियां लेकर शांति की अपील की और निर्दोषों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
घटना की निंदा करते हुए शिक्षक संघ के संरक्षक घनश्याम तिवारी ने कहा, "यह हिंसा मानवता के खिलाफ है और शिक्षकों का कर्तव्य है कि वे समाज में शांति और समरसता का संदेश दें।"
इस अवसर पर जिला महामंत्री मधुकर पाण्डेय ने भी कहा, "हम केवल कैंडल मार्च नहीं निकाल रहे हैं, बल्कि एकता, करुणा और मानवाधिकारों की रक्षा का संदेश दे रहे हैं।"
मार्च में जिले के अनेक शिक्षक नेताओं और सदस्यों ने भाग लिया जिनमें प्रमुख रूप से राममूर्ति रत्नाकर, श्री राम यादव, राजेन्द्र वर्मा, विनोद दुबे, अवधेशमणि मौर्य, चिंतामणि, नरेंद्र, रामकेवल यादव, अशोक तिवारी, अनिल कुमार, शैलेंद्र सिंह, बैजनाथ, अमरनाथ राजपूत, भरत लाल, संतोष शुक्ल, अवधेश वर्मा, सतीश कुमार सिंह, जावेद अहमद, नरेंद्र पांडे, राकेश मिश्रा, सत्येंद्र पांडे और हिमांशु तिवारी जैसे नाम शामिल रहे।
कैंडल मार्च के दौरान ‘शांति के लिए शिक्षा’, ‘मानवता अमर रहे’, और ‘हिंसा का विरोध करो’ जैसे नारों से वातावरण गूंज उठा। यह आयोजन न केवल श्रद्धांजलि था, बल्कि एक सामाजिक संदेश भी था कि शिक्षक समाज को सही दिशा में ले जाने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
कैंडल मार्च का समापन एक मौन श्रद्धांजलि के साथ हुआ, जिसमें उपस्थित सभी शिक्षकों ने मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और दो मिनट का मौन रखा।
इस आयोजन ने यह साबित किया कि जब भी देश पर संकट आता है, शिक्षक न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्वों को निभाने में भी अग्रणी रहते हैं।