लखनऊ में केन्द्रीय विद्यालय संगठन के त्रिदिवसीय प्राचार्य सम्मेलन का भव्य शुभारंभ
केंद्रीय विद्यालय संगठन, लखनऊ में त्रिदिवसीय प्राचार्य सम्मेलन शुरू, शिक्षा गुणवत्ता, नीति और प्रशासनिक सुधार पर चर्चा

इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता, नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन, परीक्षा परिणामों में निरंतर सुधार और छात्रों के सर्वांगीण विकास पर गहन चर्चा करना है। सम्मेलन के दौरान प्राचार्यों ने न केवल विद्यालयों की प्रगति की समीक्षा की, बल्कि वर्तमान शिक्षा व्यवस्था के सामने आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान पर भी गंभीरता से विचार-विमर्श किया।
केंद्रीय विद्यालय संगठन देश भर में 1274 विद्यालयों का संचालन कर रहा है, जिनमें से लखनऊ संभाग में 48 केंद्रीय विद्यालय संचालित होते हैं। इनमें से 11 विद्यालय दो पालियों में चलते हैं। सभी विद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप बालवाटिका से लेकर कक्षा 12 तक की शिक्षा विज्ञान, वाणिज्य और मानविकी विषयों में दी जा रही है।
सम्मेलन में लखनऊ संभाग के सहायक आयुक्त श्री अनूप अवस्थी, श्रीमती अर्चना जायसवाल और श्री विजय कुमार ने प्राचार्यों को मार्गदर्शन प्रदान करते हुए परीक्षा परिणामों को बेहतर बनाने, शिक्षा मंत्रालय की नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन, छात्रों में नैतिक मूल्यों के विकास तथा बहुआयामी प्रतिभा को प्रोत्साहित करने पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान शैक्षणिक व प्रशासनिक विषयों पर भी व्यापक मंथन किया गया।
अपने संबोधन में उपायुक्त श्रीमती सोना सेठ ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों के मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना आज की आवश्यकता है। उन्होंने शिक्षकों को बच्चों में जिम्मेदारी, अनुशासन और जीवन मूल्यों के विकास के लिए प्रेरित किया।
सम्मेलन के तीसरे दिन केंद्रीय विद्यालय संगठन (मुख्यालय) की आयुक्त श्रीमती निधि पांडेय भी मुख्यालय के प्रतिनिधिमंडल के साथ उपस्थित रहेंगी। इस दौरान प्रतिभागियों को नई शैक्षिक रणनीतियों एवं संगठन की आगामी योजनाओं से भी अवगत कराया जाएगा।
सम्मेलन के विशेष आकर्षण के रूप में स्टीम (STEM) के अंतर्गत विज्ञान, तकनीक, अभियांत्रिकी, कला एवं गणित से संबंधित परियोजनाओं की एक भव्य कला प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें सभी विद्यालयों द्वारा तैयार की गई परियोजनाओं का प्रदर्शन किया जाएगा।
यह त्रिदिवसीय सम्मेलन न केवल शिक्षकों के ज्ञानवर्धन का माध्यम बनेगा, बल्कि केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में भी सहायक सिद्ध होगा।