कानपुर कचहरी स्थापना दिवस: ऐतिहासिक गौरव का उत्सव

कानपुर कचहरी का स्थापना दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया, जिसमें अधिवक्ताओं ने ऐतिहासिक विरासत को किया याद।

कानपुर कचहरी स्थापना दिवस: ऐतिहासिक गौरव का उत्सव
कानपुर कचहरी स्थापना दिवस: ऐतिहासिक गौरव का उत्सव

कानपुर : कानपुर कचहरी का स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कानपुर बार एसोसिएशन गेट पर आयोजित इस कार्यक्रम में अधिवक्ताओं ने कानपुर कचहरी की ऐतिहासिक विरासत को याद करते हुए उत्सव का आनंद लिया।

कार्यक्रम में पूर्व अध्यक्ष लॉयर्स एसोसिएशन पंडित रवीन्द्र शर्मा ने कानपुर कचहरी के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कानपुर कचहरी की स्थापना अंग्रेजों द्वारा वर्ष 1801 में की गई थी। प्रारंभ में यह कचहरी बिठूर में स्थित थी और 1816 तक वहीं से न्यायिक कार्य संचालित होते रहे।

बढ़ती जनसंख्या और यातायात की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए 1816 में इसे बिठूर से पुराने कानपुर, जिसे अब नवाबगंज के नाम से जाना जाता है, में स्थानांतरित कर दिया गया। इसके बाद 1861 में कचहरी को सिविल लाइंस में स्थानांतरित किया गया, जहां इसे आधुनिक स्वरूप मिला। इस वर्ष न्याय भवन के रूप में प्रसिद्ध छह मंजिला भवन का भी नवीनीकरण किया गया, जहां अधिवक्ता प्रतिदिन न्यायिक कार्य करते हैं।

इस ऐतिहासिक अवसर पर कानपुर बार एसोसिएशन के कई प्रमुख अधिवक्ता और पदाधिकारी उपस्थित रहे। प्रमुख रूप से अरविंद दीक्षित, आशा साहू, सर्वेश त्रिपाठी, अंजू पाल, सचिन अवस्थी, सुषमा दीक्षित, अंजू गुप्ता, हरी शुक्ला, टीनू शुक्ला, जयमाला, मीना श्रीवास्तव, मोहित अवस्थी, संजीव कपूर, प्रियम जोशी, इंद्रेश मिश्रा, वीर जोशी आदि ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

समारोह के अंत में अधिवक्ताओं ने एक-दूसरे को मिठाई वितरित कर स्थापना दिवस की बधाई दी। यह आयोजन कानपुर कचहरी के गौरवशाली इतिहास को संजोने और आगे बढ़ाने की प्रेरणा के रूप में याद किया जाएगा।