महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर में श्रमिकों को समर्पित हुआ सम्मान समारोह
प्रयागराज में महर्षि पतंजलि विद्यालय ने श्रमिक दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और सम्मान समारोह का आयोजन किया

प्रयागराज। महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर, प्रयागराज में अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के उपलक्ष्य में एक भावनात्मक और प्रेरणादायक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विद्यालय प्रांगण में आयोजित विशेष प्रार्थना सभा में श्रमिकों के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करते हुए उन्हें समाज के निर्माण में अहम स्तंभ बताया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती अल्पना डे और सचिव श्रीमती कृष्णा गुप्ता द्वारा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का तिलक कर और बैज लगाकर सम्मानित करने के साथ हुई। इस अवसर पर विद्यालय के क्वायर ग्रुप ने "उनको सलाम" शीर्षक गीत की सुंदर प्रस्तुति देकर माहौल को सराहनीय बना दिया।
कक्षा 11 की छात्रा सृष्टि तिवारी ने श्रमिकों के योगदान और समाज में उनके महत्व पर सारगर्भित भाषण दिया। इसके बाद माध्यमिक कक्षा के विद्यार्थियों ने कविताओं के माध्यम से श्रमिकों की मेहनत को शब्दों में पिरोया, जबकि प्राथमिक कक्षा के विद्यार्थियों ने 'हम मेहनतकश इस दुनिया में' गीत पर भावपूर्ण अभिनय और नृत्य कर सभी को भावविभोर कर दिया।
प्राचार्या श्रीमती अल्पना डे ने श्रमिकों को उपहार देकर उनके समर्पण के प्रति आभार प्रकट किया और कहा, "यह दुनिया श्रमिकों की मेहनत से ही आगे बढ़ती है। कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता, हर श्रमजीवी का योगदान अमूल्य है।"
विद्यालय की सचिव श्रीमती कृष्णा गुप्ता ने अपने उद्बोधन में कहा कि श्रमिक समाज के सच्चे निर्माता हैं और उनका सम्मान हर नागरिक का कर्तव्य है। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे श्रमिकों से सीख लेकर अपने जीवन में परिश्रम और विनम्रता का समावेश करें।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के वरिष्ठ श्रम साधक इंद्रदेव ने अपनी सेवा यात्रा के अनुभव साझा किए। विद्यालय के बस चालक श्री घनश्याम ने श्रमिकों के जीवन पर आधारित एक कविता का पाठ कर भावनाओं को शब्द दिए। उन्होंने विद्यालय प्रबंधन की सराहना करते हुए बताया कि महर्षि पतंजलि विद्यालय अपने कर्मचारियों को न सिर्फ कार्यस्थल का सम्मान देता है बल्कि एक परिवार जैसी आत्मीयता भी प्रदान करता है।
यह आयोजन न केवल विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणा बना, बल्कि समाज में श्रम की गरिमा को समझाने का एक सार्थक प्रयास भी साबित हुआ।