प्रदूषण मुक्त शहर के लिए पॉलीथिन का त्याग करना होगा
प्रदूषण मुक्त शहर के लिए पॉलीथिन का त्याग करना होगा - छात्रों ने कागज के थैले बनाकर लोगों को किया जागरूक

मथुरा। प्लास्टिक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, पॉलीथिन, बोतल, चम्मच, गिलास और प्लेटों को इस्तेमाल करके फेंक देने पर ये सालों साल धरती की सतह या नदियों और समुद्र में जमा होती रहती हैं, इसके चलते सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगा हुआ है।
फिर भी, प्लास्टिक का उपयोग कई रूपों में बहुत अधिक किया जाता है, प्लास्टिक से होने वाली समस्याओं को उजागर करने और लोगों को इसका कम से कम उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हर साल 3 जुलाई को विश्व प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस मनाया जाता है।
इस दिवस को पहली बार वर्ष 2010 में मनाया जाना शुरू किया गया था, इस दिवस को मनाने का श्रेय बैग फ्री वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशन को जाता है जिसने पर्यावरण पर प्लास्टिक के हानिकारक प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए हैं।
केंद्र सरकार ने भी इसके लिए बड़े कदम उठाए हैं। एनजीटी ने सख्त आदेश दिए हैं कि प्लास्टिक का इस्तेमाल न किया जाए। नगर निगम हर दिन पॉलीथिन अभियान चलाता है और दुकानदारों का चालान करता है, लेकिन पॉलीथिन का इस्तेमाल खत्म नहीं हो रहा है।
जागरूकता के लिए खजानी वेलफेयर सोसायटी के छात्रों ने कागज के थैले बनाकर सभी छात्रों को बांटे। खजानी वेलफेयर सोसायटी की प्रधान शिप्रा राठी कहती हैं, आम नागरिकों को खुद निर्णय लेना होगा और पॉलीथिन का इस्तेमाल बंद करना होगा। अगर हमें प्रदूषण मुक्त शहर चाहिए तो हमें पॉलीथिन का इस्तेमाल बंद करना होगा।