पीएम मोदी ने संगम तट पर किया कुंभ कलश पूजन, महाकुंभ को बताया एकता का प्रतीक

जैनुल आब्दीन कुम्भनगर। विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक मेले महाकुंभ की सफलता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संगम तट पर कुंभ कलश का पूजन किया।

दिसंबर 13, 2024 - 19:58
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पीएम मोदी ने संगम तट पर किया कुंभ कलश पूजन, महाकुंभ को बताया एकता का प्रतीक
पीएम मोदी ने संगम तट पर किया कुंभ कलश पूजन

इस दौरान वैदिक मंत्रों के बीच प्रधानमंत्री ने संगम अभिषेक किया और त्रिवेणी संगम में अक्षत, चंदन, रोली, पुष्प और वस्त्र अर्पित कर महाकुंभ के सफल आयोजन की कामना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने संगम नोज पर त्रिवेणी की आरती भी की।

निषादराज क्रूज पर सवार होकर प्रधानमंत्री मोदी संगम नोज पहुंचे, जहां उन्होंने महाकुंभ-2025 के लिए विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने महाकुंभ को 'एकता का महाकुंभ' करार देते हुए कहा कि यह आयोजन न केवल सामाजिक मजबूती, बल्कि आर्थिक सशक्तिकरण का भी प्रतीक है। उन्होंने बताया कि महाकुंभ से गांवों, कस्बों और शहरों से लोग प्रयागराज की ओर आते हैं, जहां सभी जाति, धर्म और सम्प्रदाय की दीवारें गिर जाती हैं और लोग एकजुट होकर त्रिवेणी में डुबकी लगाते हैं।

पीएम मोदी ने महाकुंभ के आयोजन को सफल बनाने में स्वच्छता की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि इस बार नमामि गंगे कार्यक्रम को तेज़ी से आगे बढ़ाया गया है और कुंभ के दौरान प्रयागराज शहर की सैनिटेशन और वेस्ट मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस बार 15,000 से अधिक सफाईकर्मी कुंभ की स्वच्छता का ध्यान रखेंगे। प्रधानमंत्री ने सफाईकर्मियों का आभार भी व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह एक चेतना का प्रतीक है जो भारत के कोने-कोने से लोगों को संगम के तट तक खींच लाती है। उन्होंने इसे 'एकता का महायज्ञ' बताया, जिसमें हर प्रकार के भेदभाव की आहुति दी जाती है। पीएम मोदी ने महाकुंभ को भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और धर्म का जीवंत प्रतीक बताते हुए कहा कि यह आयोजन हजारों वर्षों से चली आ रही हमारी सांस्कृतिक यात्रा का पवित्र और अमूल्य हिस्सा है।

प्रधानमंत्री ने प्रयागराज को भारत के पवित्र स्थलों का केंद्र बताते हुए कहा, "यह वह स्थान है जहां पग-पग पर पुण्य और पवित्रता का अहसास होता है।" उन्होंने भारतीय नदियों और तीर्थस्थलों की महिमा को भी उद्धृत किया और कहा कि प्रयाग वह स्थान है जहां सूर्य मकर में प्रवेश करते हैं और दैवीय शक्तियां यहां एकत्र होती हैं।

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