जातीय जनगणना पर मोदी का निर्णय ऐतिहासिक: ओबीसी समाज ने मनाया जश्न

प्रधानमंत्री मोदी के जातीय जनगणना फैसले पर प्रयागराज में ओबीसी समाज ने आभार जताकर जश्न मनाया

जातीय जनगणना पर मोदी का निर्णय ऐतिहासिक: ओबीसी समाज ने मनाया जश्न
ओबीसी समाज ने मनाया जश्न

प्रयागराज – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा देश में जातीय जनगणना कराने के निर्णय को ऐतिहासिक और साहसिक बताते हुए भाजपा यमुनापार पिछड़ा मोर्चा ने शनिवार को नारीबारी में भव्य जश्न मनाया। इस अवसर पर न सिर्फ मिठाई बांटी गई, बल्कि गाजे-बाजे और पटाखों के साथ प्रधानमंत्री का आभार भी व्यक्त किया गया।

काशी क्षेत्र पिछड़ा मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष अश्वनी सिंह पटेल ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि "प्रधानमंत्री मोदी ने जातीय जनगणना का निर्णय लेकर भारत की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ा है। यह निर्णय ओबीसी वर्ग को पहचान और उनके संवैधानिक अधिकारों की प्राप्ति की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।"

उन्होंने कहा कि भारत में अंतिम बार जातीय जनगणना 1931 में हुई थी, और इसके बाद 94 वर्षों तक किसी भी गैर-भाजपाई सरकार ने यह साहस नहीं किया। अश्वनी सिंह ने कांग्रेस, सपा, राजद और बसपा जैसे दलों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि "इन दलों के नेताओं ने कभी भी पिछड़े वर्गों के सशक्तिकरण के लिए गंभीर प्रयास नहीं किए, लेकिन आज जब मोदी सरकार ने यह ऐतिहासिक कदम उठाया है, तो वे श्रेय लेने की होड़ में दिख रहे हैं।"

उन्होंने यह भी कहा कि "मोदी सरकार ने सिद्ध किया है कि वह केवल वादे नहीं करती, बल्कि उन्हें निभाने में भी अग्रणी है। भाजपा की विचारधारा 'अंत्योदय से सर्वोदय' तक की है, जो जातीय जनगणना जैसे फैसले में परिलक्षित होती है।"

अश्वनी सिंह पटेल ने 1990 की घटना को याद करते हुए कहा कि यदि भाजपा ने उस समय वी.पी. सिंह सरकार को समर्थन नहीं दिया होता, तो ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण कभी न मिलता। उन्होंने कहा कि "प्रधानमंत्री मोदी ने ओबीसी समाज के मर्म को समझते हुए हमेशा उनके पक्ष में नीतिगत फैसले लिए हैं।"

पत्रकार वार्ता के दौरान पिछड़ा मोर्चा जिलाध्यक्ष सुभाष सिंह और भाजपा जिला मीडिया प्रभारी दिलीप कुमार चतुर्वेदी भी उपस्थित रहे। सभी नेताओं ने एक सुर में कहा कि यह निर्णय भाजपा की सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इससे पहले कार्यक्रम स्थल पर ओबीसी मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मनाया और प्रधानमंत्री मोदी के निर्णय के लिए आभार जताते हुए मिठाई बांटी। स्थानीय निवासियों और कार्यकर्ताओं में निर्णय को लेकर खासा उत्साह देखा गया।

इस आयोजन ने न केवल मोदी सरकार के इस ऐतिहासिक निर्णय को जन-जन तक पहुंचाया, बल्कि ओबीसी समाज को अपने हक और पहचान के लिए एक नई ऊर्जा भी प्रदान की।