डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बाढ़ कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक
जिलाधिकारी अविनाश सिंह की अध्यक्षता में एनआईसी कक्ष में बाढ़ से संबंधित वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ़ कार्यों की समीक्षा बैठक आहूत की गई।

अंबेडकर नगर। बाढ़ से प्रभावित तहसीलें टांडा और अलापुर हैं, जिनमें कुल 23 गांव प्रभावित हैं।
इस संबंध में जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को बाढ़ से हुए नुकसान एवं बचाव कार्य समय से पूर्ण करने के निर्देश दिए।
कलेक्ट्रेट के कक्ष संख्या 15/1 में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जिसका दूरभाष क्रमांक 05271-244250 एवं 05271-244550 है तथा आपदा हेल्पलाइन टोल फ्री नम्बर 1077 है। यह 24 घंटे संचालित होता है।
बाढ़ आपदा के दौरान आपदा से संबंधित किसी भी समस्या के लिए इन सभी नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है।जिले में कुल 13 बाढ़ चौकियां, 37 गोताखोर, 40 नावें, 96 नाविक, 13 बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।
बाढ़ से प्रभावित परिवारों को भोजन पैकेट एवं बाढ़ राहत सामग्री उपलब्ध कराने के संबंध में ई-टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जिलाधिकारी ने डीपीआरओ को निर्देश दिया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में सफाई के दौरान पेट्रोमैक्स की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में आवश्यक दवाओं का भण्डारण, चिकित्सकों की तैनाती, बाढ़ के दौरान सर्पदंश की घटनाओं में वृद्धि के कारण वैक्सीन की पर्याप्त व्यवस्था, संक्रामक रोगों एवं महामारी से बचाव हेतु आवश्यक टीकाकरण, बाढ़ राहत शिविरों में चिकित्सकों की तैनाती एवं चिकित्सा व्यवस्था, गांव का सर्वेक्षण एवं गर्भवती महिलाओं का चिन्हांकन कर सूची तैयार करने के निर्देश दिये गये।
जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं के चारे की समुचित व्यवस्था, पशु चिकित्सालयों में उपचार के संसाधन एवं दवा/टीकाकरण की समुचित व्यवस्था, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशु शिविरों का चिन्हांकन एवं पशु शिविरों में चारे की समुचित व्यवस्था, पशु चिकित्सकों की तैनाती, पशुओं को सुरक्षित स्थानों/निकटतम गौ आश्रय स्थलों तक पहुंचाने आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।
इस दौरान जिलाधिकारी ने सम्बन्धित उप जिलाधिकारी, सम्बन्धित तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षकों एवं क्षेत्रीय लेखपालों को निर्देशित करते हुए कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमणशील रहते हुए उन्हें दी गई जिम्मेदारियों का पूर्ण निष्ठा से निर्वहन करते हुए कार्यों को पूर्ण कराना सुनिश्चित करें तथा इन कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
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