कर्नाटक में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो, राज्य सरकार भी इसे लागू करे
अधिवक्ताओं की सुरक्षा एवं संरक्षण हेतु प्रदेश में कानपुर एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए

कानपुर। अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम पर आयोजित बैठक में बोलते हुए पंडित रविन्द्र शर्मा पूर्व अध्यक्ष अभिभाषक संघ ने कहा कि न्यायालय कर्मियों के लिए विशेष सुरक्षा कानून न होने के कारण अधिवक्ताओं पर लगातार हमले हो रहे हैं, यहां तक कि हत्याएं भी हो रही हैं, अनावश्यक रिपोर्ट लिखकर अधिवक्ताओं को परेशान किया जा रहा है।
एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट सबसे पहले राजस्थान में लागू किया गया था। दो दिन पहले कर्नाटक में भी एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया गया। अब कर्नाटक एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने वाला देश का दूसरा राज्य बन गया है।
इस संरक्षण अधिनियम का उद्देश्य अधिवक्ताओं के विरुद्ध होने वाली हिंसा को रोकना है, जिससे अधिवक्ताओं को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में बाधा उत्पन्न होती है तथा यदि कोई अधिवक्ताओं के विरुद्ध हिंसा करता है तो उसके लिए सजा व जुर्माने का प्रावधान किया गया है, ताकि अधिवक्ता बिना किसी भय या उत्पीड़न के अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें। इस अवसर पर कर्नाटक सरकार का आभार व्यक्त करते हुए मिठाई बांटी गई।
प्रदेश की योगी सरकार ने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट के लिए एक प्रारूप समिति भी गठित की थी, जिसने पूरे प्रदेश से आवश्यक सुझाव भी लिए हैं।
हम राज्य सरकार से मांग करते हैं कि वह अधिवक्ताओं की सुरक्षा एवं जीवन की रक्षा के लिए अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम को तत्काल लागू कर हम पर कृपा करें।
इनमें प्रमुख रूप से प्रेम कुमार गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष, सेल्स टैक्स बार एसोसिएशन, मुकुंद गुप्ता, नव निर्वाचित महासचिव, सेल्स टैक्स बार एसोसिएशन, अरविंद दीक्षित, पूर्व उपाध्यक्ष, बार एसोसिएशन, प्रदीप तिवारी, सांस्कृतिक मंत्री, संजीव कपूर, प्रशांत शुक्ला, सीमा खान, उमा मिश्रा, सत्यम शुक्ला, अंकुर गोयल, प्रियम जोशी, के.के. यादव शामिल थे।