योग दिवस पूर्व सप्ताहिक परिचर्चा में विरासत से विकास तक योग का महत्व
प्रयागराज में योग दिवस से पूर्व कुलभाष्कार आश्रम पीजी कॉलेज में विरासत से विकास तक योग चर्चा

प्रयागराज: प्रयागराज स्थित कुलभाष्कार आश्रम पीजी कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में योग जागरूकता के विशेष सप्ताह की शुरुआत एक भव्य राष्ट्रीय परिचर्चा के माध्यम से हुई। इस आयोजन का नेतृत्व महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. गीतांजलि मौर्य के निर्देशन में किया गया, जिसमें "विरासत से विकास योग की भूमिका" विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश सरकार की पहल के अंतर्गत आयोजित किया गया है, जिसका उद्देश्य योग के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाना है।
राष्ट्रीय परिचर्चा में देश के विभिन्न भागों से कई विशेषज्ञ वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए। प्रयागराज की जानी-मानी योग शिक्षिका डॉ. अर्चना शुक्ला ने योग की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि योग न केवल हमें स्वयं को समझने में मदद करता है, बल्कि हमें निरोगी बनाकर समाज सेवा के योग्य बनाता है।
मुम्बई से पधारे योग प्रशिक्षक डॉ. अंशुमान मिश्रा ने स्वर योग के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि सूर्य और चंद्र नाड़ी के संतुलन से हम शारीरिक व मानसिक रूप से पूर्णतः स्वस्थ रह सकते हैं। वहीं, हिन्दू आध्यात्मिक संस्थान की वंदना तिवारी ने योग को जीवन जीने की कला बताते हुए इसके मानसिक, आत्मिक और आध्यात्मिक पक्षों पर विस्तार से चर्चा की।
अमरकंटक केंद्रीय विश्वविद्यालय के डॉ. रामजी मिश्रा ने विद्यार्थियों के शारीरिक विकास, आंखों की रोशनी और तनाव प्रबंधन हेतु योगासन एवं प्राणायाम की उपयोगिता पर जोर दिया। डॉ. महेंद्र प्रजापति ने भारतीय ज्ञान परंपरा में योग की गहराई और उसके वर्तमान महत्व को विस्तार से समझाया। पंजली योगपीठ प्रयागराज की योग शिक्षिका मोनिका गुप्ता ने रोग निवारण में योग की भूमिका पर बोलते हुए बचपन से योग को जीवन का हिस्सा बनाने की आवश्यकता बताई।
कार्यक्रम का संयोजन प्रोफेसर पवन पचौरी ने किया, जिन्होंने अष्टांग योग की विभिन्न विधाओं पर अपने विचार साझा किए। सह-संयोजक डॉ. अनुराग त्रिपाठी ने विषय का व्यापक परिचय प्रस्तुत किया, जबकि संचालन डॉ. शशिकांत त्रिपाठी ने किया। अतिथियों का परिचय डॉ. आभा त्रिपाठी द्वारा कराया गया एवं आभार ज्ञापन भी उनके द्वारा किया गया।
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर एस.पी. विश्वकर्मा, प्रो. आर.पी. तिवारी, प्रो. राम लखन पाल, प्रो. श्रीप्रकाश, डॉ. मनीष श्रीवास्तव, डॉ. विपिन कुमार सहित कई शिक्षकगण, छात्र-छात्राएं एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम में योग के प्रति छात्रों और आम जनमानस में जागरूकता बढ़ाने की दिशा में यह पहल सराहनीय रही।