बहुरेंगे तमसा नदी के घाट, श्रद्धालुओं को मिलेगी बेहतर सुविधा
अंबेडकरनगर में तमसा नदी के अमरौला और रसूलाबाद घाटों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं और अंतिम संस्कार करने वालों को सुविधाएं मिलेंगी।

अंबेडकरनगर – जनपद मुख्यालय से होकर बहने वाली तमसा नदी के दो प्रमुख घाटों का जल्द ही सौंदर्यीकरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री नगर वैश्विक योजना के तहत अमरौला और रसूलाबाद घाटों के विकास का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इससे श्रद्धालुओं और अंतिम संस्कार के लिए आने वाले लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
रसूलाबाद घाट: धार्मिक आस्था और सुविधाओं की कमी
रसूलाबाद वार्ड में तमसा नदी के तट पर स्थित प्राचीन शिव और दुर्गा मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है। यहां रोज़ाना बड़ी संख्या में लोग पूजा-अर्चना के लिए आते हैं, लेकिन रास्ता और बैठने की व्यवस्था बेहद खराब है। साथ ही, यहां अंत्येष्टि स्थल भी है, जहां अंतिम संस्कार करने वालों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। मंदिर की स्थिति भी जीर्ण-शीर्ण हो चुकी है, जिससे इसके जीर्णोद्धार की आवश्यकता है।
अमरौला घाट: ऐतिहासिक धरोहर की अनदेखी
अमरौला घाट की स्थिति भी दुर्दशाग्रस्त है। यहां स्थित भव्य शिव मंदिर की चारदीवारी जर्जर हो चुकी है, और पूरे घाट क्षेत्र में गंदगी का अंबार लगा रहता है। शिवरात्रि और अन्य प्रमुख पर्वों के दौरान यहां जिलेभर से श्रद्धालु आते हैं, लेकिन साफ-सफाई और बुनियादी सुविधाओं के अभाव में असुविधा का सामना करना पड़ता है।
मुख्यमंत्री नगर वैश्विक योजना के तहत विकास प्रस्ताव
नगरपालिका ने इन घाटों की खोई हुई महत्ता को पुनः स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री नगर वैश्विक योजना के तहत प्रस्ताव भेजा है। नगरपालिका अध्यक्ष चंद्रप्रकाश वर्मा ने कहा कि शासन से मंजूरी मिलते ही विस्तृत कार्ययोजना बनाकर सौंदर्यीकरण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
संभावित विकास कार्यों में शामिल होंगे:
घाटों का पक्का निर्माण और विस्तार
बैठने और विश्राम के लिए पर्याप्त व्यवस्था
अंत्येष्टि स्थल पर बुनियादी सुविधाओं का विकास
मंदिरों के जीर्णोद्धार और संरक्षण के प्रयास
घाटों पर स्वच्छता और प्रकाश व्यवस्था में सुधार
अमरौला और रसूलाबाद घाटों का सौंदर्यीकरण होने से श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, अंतिम संस्कार स्थल पर आने वाले लोगों को भी राहत मिलेगी। नगरपालिका को अब शासन की मंजूरी का इंतजार है, जिसके बाद जल्द ही इस परियोजना पर कार्य शुरू कर दिया जाएगा।