भगवान को पाने का सबसे सरल साधन है रामकथा: आचार्य राजेन्द्र

जय राम सदा सुखधाम हरे, रघुनायक सायक चाप धरे
भव बारन दारन सिंह प्रभो, गुन सागर नागर नाथ विभो
बरेली। अयोध्या के भव्य राम मंदिर में प्रभु राम की प्राणप्रतिष्ठा के पावन अवसर पर कूर्मांचल नगर में आयोजित रामकथा के पहले दिन कथाव्यास आचार्य राजेन्द्र तिवारी ने कहा कि रामकथा कलियुग में भगवत प्राप्ति का सबसे सरल साधन है, जो कानों के माध्यम से व्यक्ति के मन में प्रवेश करती है। इससे भगवान की छवि मन में बैठ जाती है। उस छवि के दर्शन पाने को इंसान हमेशा आतुर रहता है।
आचार्य ने राम नाम की महिमा बताते हुए कहा कि राम का नाम सहत्रनामों के बराबर है। रामनाम के जाप से ही इंसान भगवान की सच्ची और सरल भक्ति को प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि भगवान ने धरती माता और अपने भक्तों की पुकार पर दुष्टों का वध करने के लिए अवतार लिया था। भगवान को पाने के लिए धन-दौलत नहीं, केवल सच्चे भाव और साफ मन की जरूरत होती है।
इस मौके पर संकल्प जनकल्याण सेवा समिति के पंकज अनरिया, हिमांशु नैनवाल, मोनम शर्मा, सीए अशोक शुक्ला, लखन सिंह मेहरा, पंडित हरीश चंद्र डालाकोटी समेत भगवान के तमाम भक्तगण मौजूद रहे।