खालसा साजना दिवस पर लखनऊ में आयोजित गुरमत समागम, संगतों ने मनाया धार्मिक उत्सव

लखनऊ में खालसा साजना दिवस पर श्री गुरु नानक सत्संग सभा गुरुद्वारा सदर कैंट में गुरमत समागम आयोजित किया गया। धार्मिक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, कीर्तन मुकाबले और मेडिकल शिविर ने किया संगतों का स्वागत।

खालसा साजना दिवस पर लखनऊ में आयोजित गुरमत समागम, संगतों ने मनाया धार्मिक उत्सव
संगतों ने मनाया धार्मिक उत्सव

(आर एल पाण्डेय)

लखनऊ । खालसा साजना दिवस को समर्पित एक भव्य गुरमत समागम श्री गुरु नानक सत्संग सभा गुरुद्वारा सदर कैंट लखनऊ में बड़ी श्रद्धा एवं जोश के साथ आयोजित किया गया। इस समागम की अध्यक्षता सरदार तेजपाल सिंह, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष, ने की।

समागम की शुरुआत सहज पाठ के साथ हुई, जिसके बाद भाई रविंद्र सिंह जी ने अमृतमयी शबद कीर्तन द्वारा संगतों का स्वागत किया। इसके बाद मुख्य ग्रंथी ज्ञानी हरविंदर सिंह जी ने खालसा साजना दिवस पर गुरमति विचारों से संगतों को जागरूक किया।

वीर दविंदर सिंह जी और भाई इंद्रजीत सिंह सादिक ने शास्त्रीय संगीत में शबद कीर्तन प्रस्तुत कर संगत को मंत्रमुग्ध किया। पंथ प्रसिद्ध रागी जत्था भाई सरबजीत सिंह जी ने "खालसा मेरो रूप है खास" का गायन किया, जिसे सुनकर संगत अभिभूत हो गई।

समागम में एक निशुल्क मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया, जिसमें अपोलो हॉस्पिटल और गुरु हरिराय डायग्नोस्टिक सेंटर द्वारा पैथोलॉजी टेस्ट और रक्तदान शिविर का भी संचालन किया गया। इस अवसर पर धार्मिक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता और दस्तारबंदी मुकाबले का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने भाग लिया।

प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में हरजोत सिंह (जूनियर डिवीजन) और रणदीप कौर (सीनियर डिवीजन) विजेता रहे। कीर्तन मुकाबले में प्रबगुन कौर और जसलीन कौर ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया। इस आयोजन में सिक्ख और अन्य धर्मों के बच्चों की भागीदारी ने गंगा-जमुनी संस्कृति को सशक्त रूप से प्रदर्शित किया।

समागम के समापन पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार तेजपाल सिंह और कार्यवाहक अध्यक्ष सरदार हरपाल सिंह जग्गी ने उपस्थित संगतों का आभार व्यक्त किया। साथ ही, ज्ञानी जसवंत सिंह जी परवाना, भाई सरबजीत सिंह जी पटना साहिब, और अन्य विशिष्ट व्यक्तियों को सम्मानित किया।

संगतों ने लंगर का प्रसाद ग्रहण किया, जिसे लगभग 2000 से अधिक संगतों ने ग्रहण किया। इस समागम को सफल बनाने में भूपिंदर सिंह, दलजीत सिंह टोनी, नवलजीत सिंह और अन्य सदस्यों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।