ऑन लाइन उपस्थिति के काले कानून का यूटा ने किया विरोध

(सुमित गोस्वामी) मथुरा - बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों की मूलभूत मांगो को तो मानना नही है लेकिन अपना ऑनलाइन अटेंडेंस लिए जाने का फरमान जारी कर काला कानून शिक्षक-शिक्षिकाओ पर जबरदस्ती थोपना है। इस आदेश का यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन, यूटा के प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर जनपद मथुरा में यूटा की जिला इकाई, समस्त ब्लॉकों की ब्लॉक इकाई सहित जनपद के समस्त शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध करना शुरू कर दिया है।

ऑन लाइन उपस्थिति के काले कानून का यूटा ने किया विरोध

यूटा ने विभागीय उच्चाधिकारियों द्वारा जारी किए गए इस आदेश को नियमविरुद्ध एवं हठधर्मी काला कानून बताया है। जिलाध्यक्ष अंशुल गौतम ने का बताया है की जब तक विभाग शिक्षकों की समस्त मूलभूत माँगे पूरी नहीं करेगा तब तक विभाग द्वारा जबरन थोपे गए इस आदेश का शिक्षक अनवरत विरोध करते रहेंगे। जिलामंत्री प्रशान्त सारस्वत ने बताया कि शिक्षकों की समस्त माँगे जायज हैं।

विभाग ऑनलाइन अटेंडेंस से पहले विद्यालयों की व्यवस्था सुदृढ़ नहीं करेगा एवं शिक्षकों की लम्बित मांगों को पूरा नहीं करेगा तब तक शिक्षक ऑनलाइन अटेंडेंस नहीं देंगे। ब्लॉक अध्यक्ष सौरभ सारस्वत का कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग के अतिरिक्त प्रदेश में अभी तक किसी भी विभाग में ऑनलाइन अटेंडेंस का प्रावधान नहीं है तो बेसिक में ही क्यों। वरिष्ठ उपाध्यक्ष भगत सिंह आर्य का कहना है कि बेसिक के टीचर दूर दराज गाँव देहात में अध्यापन करने जाते है जहाँ से व्यवस्थाओ के अभाव में ऑनलाइन अटेंडेंस देना सम्भव नहीं है।

जिला मीडिया प्रभारी नेत्रपाल सिंह निमोरिया ने बताया कि संगठन शीघ्र ही मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन का कार्यक्रम चलाएगा इस आदेश के वापिस होने तक जिला प्रदेश स्तर पर भी विरोध करता रहेगा।वही संगठन और जनपद के शिक्षक-शिक्षिकाएं का कहना है कि जब प्रदेश में अन्य किसी विभाग में ऐसा ऑनलाइन उपस्थिति का जानलेवा काला कानून गतिमान नही है तब हमारे साथ ऐसा भेदभावपूर्ण जान लेवा कानून लागू करने की जबरदस्ती क्यो की जा रही है।विभाग हमारी मूलभूत मांगो को तो नजर अंदाज करता है वही प्रतिदिन नए-नए नियम विरुद्ध जान लेवा आदेश निर्गत कर जबरदस्ती उन्हें हमसे पूरा कराना चाहता है हम सभी मिलकर विभाग के इस जान लेवा काले कानून का पूरे मनोबल के साथ अंतिम चरण तक विरोध करते रहेंगे।